सिटी पैलेस काम्पलेक्स उदयपुर: Difference between revisions
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*इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को | *इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को ग़रीबों में बाँट दिया गया था। इसके सामने की दीवार 'अगद' कहलाती है। यहाँ पर [[हाथी|हाथियों]] की लड़ाई का खेल होता था। | ||
*परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा। | *परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा। | ||
*यहाँ बालकनी, क्यूपोला<ref>(Cupola- 'क्यूपोला' एक इमारत के शीर्ष पर बनने वाले छतरी नुमा ग़ुम्मद को कहते है।)</ref> और बड़ी-बड़ी मीनारें इस महल से झीलों को एक सुंदर दृश्य के रूप में दर्शाती हैं। | *यहाँ बालकनी, क्यूपोला<ref>(Cupola- 'क्यूपोला' एक इमारत के शीर्ष पर बनने वाले छतरी नुमा ग़ुम्मद को कहते है।)</ref> और बड़ी-बड़ी मीनारें इस महल से झीलों को एक सुंदर दृश्य के रूप में दर्शाती हैं। |
Revision as of 13:49, 26 January 2011
[[चित्र:City-Palace-Udaipur.jpg|thumb|250px|सिटी पैलेस, उदयपुर
City Palace, Udaipur]]
उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
[[चित्र:City-Palace-Udaipur-2.jpg|thumb|250px|left|सिटी पैलेस, उदयपुर
City Palace, Udaipur]]
- उदयपुर में सिटी पैलेस की स्थापना 16वीं शताब्दी में आरम्भ हुई। इसे स्थापित करने का विचार एक संत ने राजा उदय सिंह को दिया था। इस प्रकार यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है।
- यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था।
- इसमें सात आर्क हैं। ये आर्क उन सात स्मरणोत्सवों का प्रतीक हैं जब राजा को सोने और चाँदी से तौला गया था तथा उनके वजन के बराबर सोना-चाँदी को ग़रीबों में बाँट दिया गया था। इसके सामने की दीवार 'अगद' कहलाती है। यहाँ पर हाथियों की लड़ाई का खेल होता था।
- परिसर में प्रवेश करते ही आपको भव्य 'त्रिपोलिया गेट' दिखेगा।
- यहाँ बालकनी, क्यूपोला[1] और बड़ी-बड़ी मीनारें इस महल से झीलों को एक सुंदर दृश्य के रूप में दर्शाती हैं।
[[चित्र:City-Palace-Udaipur-1.jpg|thumb|300px|सिटी पैलेस, उदयपुर
City Palace, Udaipur]]
- सूरज गोखड़ा एक ऐसा स्थान है जहाँ से महाराणा जनता की बातें सुनते थे, मुख्यत: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए उनसे बातें किया करते थे।
- मोर चौक एक ऐसा अन्य स्थान है जिसकी दीवारों को मोर के काँच से बने विविध नीले रंग के टुकड़ों से सजाया गया है।
- इससे आगे दक्षिण दिशा में 'फ़तह प्रकाश भ्ावन' तथा 'शिव निवास भवन' है। वर्तमान में दोनों को होटल में परिवर्तित कर दिया गया है
- इस परिसर में एक जगदीश मंदिर भी है।
- इसी परिसर का एक भाग सिटी पैलेस संग्रहालय है। इसे अब सरकारी संग्रहालय घोषित कर दिया गया है। वर्तमान में शम्भू निवास राजपरिवार का निवास स्थान है।
- इस परिसर में प्रवेश के लिए टिकट लगता है। बादी पॉल से टिकट लेकर आप इस परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (Cupola- 'क्यूपोला' एक इमारत के शीर्ष पर बनने वाले छतरी नुमा ग़ुम्मद को कहते है।)