सिल्ला माता मंदिर हनुमानगढ़: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " जिला " to " ज़िला ") |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*[[हनुमानगढ़]], [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है और हनुमानगढ़ एक [[हनुमानगढ़ पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। | *[[हनुमानगढ़]], [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है और हनुमानगढ़ एक [[हनुमानगढ़ पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। | ||
*सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था। | *सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था। | ||
*यह मंदिर | *यह मंदिर ज़िला मुख्यालय पर वैदिक नदी [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है। | ||
*इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है। | *इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है। | ||
*इस मंदिर में प्रत्येक [[बृहस्पतिवार]] को मेला लगता है। | *इस मंदिर में प्रत्येक [[बृहस्पतिवार]] को मेला लगता है। |
Revision as of 12:55, 31 January 2011
- हनुमानगढ़, राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है और हनुमानगढ़ एक पर्यटन स्थल है।
- सिल्ला माता का मंदिर अठारहवीं शताब्दी में स्थापित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित सिल्ल पत्थर घग्घर नदी में बहकर आया था।
- यह मंदिर ज़िला मुख्यालय पर वैदिक नदी सरस्वती के प्राचीन बहाव क्षेत्र में स्थित है।
- इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सिल्ला माता के सिल पीर में जो कोई भी दूध व पानी चढ़ाता है उसके त्वचा सम्बन्धी रोगों का निवारण हो जाता है।
- इस मंदिर में प्रत्येक बृहस्पतिवार को मेला लगता है।
|
|
|
|
|