एकलिंगजी उदयपुर: Difference between revisions

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*उदयपुर [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।  
*उदयपुर [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।  
*राजा तो उनके प्रतिनिधि के रूप में यहाँ शासन करता था।  
*राजा तो उनके प्रतिनिधि के रूप में यहाँ शासन करता था।  
*[[उदयपुर]] से यह 12 मील की दूरी पर स्थित है।
*इस मंदिर का निर्माण [[बप्‍पा रावल]] ने 8वीं शताब्‍दी में करवाया था।  
*इस मंदिर का निर्माण [[बप्‍पा रावल]] ने 8वीं शताब्‍दी में करवाया था।  
*बाद में यह मंदिर टूटा और पुन:बना था।  
*बाद में यह मंदिर टूटा और पुन:बना था।  
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*मुख्‍य मंदिर में एकलिंगजी की चार सिरों वाली मूर्त्ति स्‍थापित है।  
*मुख्‍य मंदिर में एकलिंगजी की चार सिरों वाली मूर्त्ति स्‍थापित है।  
*उदयपुर से यहाँ जाने के लिए बसें मिलती हैं।  
*उदयपुर से यहाँ जाने के लिए बसें मिलती हैं।  
*राजस्थान का प्रसिद्ध शैव तीर्थस्थान है।
*एकलिंगजी की मूर्ति में चारों ओर मुख हैं। अर्थात् यह चतुर्मुख लिंग है।
*एकलिंगजी [[मेवाड़]] के महाराणाओं के आराध्य देव हैं। इसके पास में इन्द्रसागर नामक सरोवर भी है। आसपास में [[गणेश]], [[लक्ष्मी]], डुटेश्वर, धारेश्वर आदि कई देवताओं के मन्दिर हैं। पास में ही वनवासिनी देवी का मन्दिर भी है।
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Revision as of 12:40, 17 February 2011

  • उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
  • राजा तो उनके प्रतिनिधि के रूप में यहाँ शासन करता था।
  • उदयपुर से यह 12 मील की दूरी पर स्थित है।
  • इस मंदिर का निर्माण बप्‍पा रावल ने 8वीं शताब्‍दी में करवाया था।
  • बाद में यह मंदिर टूटा और पुन:बना था।
  • वर्तमान मंदिर का निर्माण महाराणा रायमल ने 15वीं शताब्‍दी में करवाया था।
  • इस परिसर में कुल 108 मंदिर हैं।
  • मुख्‍य मंदिर में एकलिंगजी की चार सिरों वाली मूर्त्ति स्‍थापित है।
  • उदयपुर से यहाँ जाने के लिए बसें मिलती हैं।
  • राजस्थान का प्रसिद्ध शैव तीर्थस्थान है।
  • एकलिंगजी की मूर्ति में चारों ओर मुख हैं। अर्थात् यह चतुर्मुख लिंग है।
  • एकलिंगजी मेवाड़ के महाराणाओं के आराध्य देव हैं। इसके पास में इन्द्रसागर नामक सरोवर भी है। आसपास में गणेश, लक्ष्मी, डुटेश्वर, धारेश्वर आदि कई देवताओं के मन्दिर हैं। पास में ही वनवासिनी देवी का मन्दिर भी है।


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