नंजनगुड: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 21: | Line 21: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}} | |||
{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}} | {{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:कर्नाटक]] | [[Category:कर्नाटक]] | ||
[[Category:कर्नाटक के | [[Category:कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
[[Category:कर्नाटक के धार्मिक स्थल]] | |||
[[Category:मैसूर]] | [[Category:मैसूर]] | ||
[[Category: | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:46, 27 March 2011
[[चित्र:Nanjangud-Temple-Mysore.jpg|thumb|200px|नंजनगुड मंदिर, नंजनगुड]]
- नंजनगुड प्राचीन तीर्थनगर कर्नाटक में कावेरी की सहायक काबिनी नदी के तट पर मैसूर से 26 किमी. दक्षिण में स्थित है।
- नंजनगुड को ननजनगढ़ के नाम से भी जाना जाता है।
- दक्षिण काशी कही जाने वाली इस जगह पर स्थापित लिंग के बार में माना जाता है कि इसकी स्थापना गौतम ऋषि ने की थी।
- यह नगर 10वीं और 11वीं शताब्दी में गंग चोल वंश के समय से ही विख्यात रहा है।
- मैसूर के वाडयार राजाओं और टीपू सुल्तान ने इन्हें स्वर्ण-आभूषण और दान स्वरूप भूमि देकर संरक्षण प्रदान किया।
- इस नगर में श्रीकांतेश्वर नंजुनदेश्वर (शिव) को समर्पित एक प्रसिद्ध मन्दिर है।
- द्रविड़ शैली में यहाँ उत्तुंग गोपुरम वाला यह मन्दिर 385x160 वर्गफीट क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह 147 स्तम्भों पर खड़ा है।
- यह समूचा नगर विभिन्न देवताओं के मन्दिरों से भरा हुआ है।
|
|
|
|
|