वाल्मीकि नगर बिहार: Difference between revisions
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इसे भैंसालोटन के नाम से भी जाना जाता है। [[गंडक नदी]] के किनारे बसे इस जगह की गिनती [[बिहार]] के प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में की जाती है। यहाँ पर विद्युत उत्पादन के लिए गंडक नदी के ऊपर एक बांध का भी निर्माण किया है जिसका उदघाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित [[जवाहर लाल नेहरू]] ने किया था। इस जगह को [[वाल्मीकि]] आश्रम के लिए भी जाना जाता है। माना जाता है कि [[रामायण]] के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने इसी आश्रम में अपना कुछ समय व्यतीत किया था। उनके नाम पर ही इस जगह का नाम भी वाल्मीकि नगर पड़ा था। यहाँ पर एक भगवान [[शिव]] का प्राचीन मंदिर भी है जिसका निर्माण [[बेतिया बिहार|बेतिया]] के राजा द्वारा किया गया था। | *इसे भैंसालोटन के नाम से भी जाना जाता है। [[गंडक नदी]] के किनारे बसे इस जगह की गिनती [[बिहार]] के प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में की जाती है। | ||
* यहाँ पर विद्युत उत्पादन के लिए गंडक नदी के ऊपर एक बांध का भी निर्माण किया है जिसका उदघाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित [[जवाहर लाल नेहरू]] ने किया था। | |||
* इस जगह को [[वाल्मीकि]] आश्रम के लिए भी जाना जाता है। माना जाता है कि [[रामायण]] के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने इसी आश्रम में अपना कुछ समय व्यतीत किया था। उनके नाम पर ही इस जगह का नाम भी वाल्मीकि नगर पड़ा था। | |||
* यहाँ पर एक भगवान [[शिव]] का प्राचीन मंदिर भी है जिसका निर्माण [[बेतिया बिहार|बेतिया]] के राजा द्वारा किया गया था। | |||
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Latest revision as of 07:59, 10 April 2011
- इसे भैंसालोटन के नाम से भी जाना जाता है। गंडक नदी के किनारे बसे इस जगह की गिनती बिहार के प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में की जाती है।
- यहाँ पर विद्युत उत्पादन के लिए गंडक नदी के ऊपर एक बांध का भी निर्माण किया है जिसका उदघाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया था।
- इस जगह को वाल्मीकि आश्रम के लिए भी जाना जाता है। माना जाता है कि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने इसी आश्रम में अपना कुछ समय व्यतीत किया था। उनके नाम पर ही इस जगह का नाम भी वाल्मीकि नगर पड़ा था।
- यहाँ पर एक भगवान शिव का प्राचीन मंदिर भी है जिसका निर्माण बेतिया के राजा द्वारा किया गया था।
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