अढाई दिन का झोपड़ा अजमेर: Difference between revisions

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[[चित्र:Adhai-Din-Ka-Jhonpra-Ajmer.JPG|thumb|250px|अढाई दिन का झोपडा, [[अजमेर]]<br />Adhai Din Ka Jhonpra, Ajmer]]
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*[[राजस्थान]] के शहर [[अजमेर]] में कई [[अजमेर पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है जिनमें से ये एक है।
'''अढाई दिन का झोपडा''' [[राजस्थान]] के शहर [[अजमेर]] में स्थित है।
*इस मस्जिद को बनवाने में कहते है सिर्फ़ ढाई दिन ही लगे, और यह मस्जिद अजमेर में बनी है।
*इस मस्जिद को बनवाने में कहते है सिर्फ़ ढाई दिन ही लगे इसलिए इसे अढाई दिन का झोपडा कहा जाता है।
*यह [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह अजमेर|ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]] से आगे कुछ ही दूरी पर स्थित है।
*यह [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह अजमेर|ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]] से आगे कुछ ही दूरी पर स्थित है।
*इस खंडहरनुमा इमारत में 7 मेहराब एंव हिन्दु-मुस्लिम कारीगिरी के 70 खंबे बने हैं तथा छत पर भी शानदार कारीगिरी की गई है।
*इस खंडहरनुमा इमारत में 7 मेहराब एंव [[हिन्दु]]-[[मुस्लिम]] कारीगिरी के 70 खंबे बने हैं तथा छत पर भी शानदार कारीगिरी की गई है।
*इस से कई बातें प्रचलित है, और अब हर साल यहाँ (ढाई) अढाई दिन का मेला लगता है।  
*इस से कई बातें प्रचलित है, और अब हर साल यहाँ (ढाई) अढाई दिन का मेला लगता है।  
*इसका नाम इस के निर्माण के कारण ही अढाई दिन का झोपडा पडा है।
*इसका नाम इस के निर्माण के कारण ही अढाई दिन का झोपडा पडा है।
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*अबु बकर ने इसका नक्शा तैयार किया था।
*अबु बकर ने इसका नक्शा तैयार किया था।
*मस्जिद का अन्दर का हिस्सा मस्जिद से अलग किसी मंदिर की तरह से लगता है।
*मस्जिद का अन्दर का हिस्सा मस्जिद से अलग किसी मंदिर की तरह से लगता है।
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Revision as of 07:01, 22 December 2011

[[चित्र:Adhai-Din-Ka-Jhonpra-Ajmer.JPG|thumb|250px|अढाई दिन का झोपडा, अजमेर]] अढाई दिन का झोपडा राजस्थान के शहर अजमेर में स्थित है।

  • इस मस्जिद को बनवाने में कहते है सिर्फ़ ढाई दिन ही लगे इसलिए इसे अढाई दिन का झोपडा कहा जाता है।
  • यह ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह से आगे कुछ ही दूरी पर स्थित है।
  • इस खंडहरनुमा इमारत में 7 मेहराब एंव हिन्दु-मुस्लिम कारीगिरी के 70 खंबे बने हैं तथा छत पर भी शानदार कारीगिरी की गई है।
  • इस से कई बातें प्रचलित है, और अब हर साल यहाँ (ढाई) अढाई दिन का मेला लगता है।
  • इसका नाम इस के निर्माण के कारण ही अढाई दिन का झोपडा पडा है।
  • यहाँ पहले बहुत बड़ा संस्कृत का विद्यालय था।
  • 1198 में मुहम्मद ग़ोरी ने उस पाठशाला को इस मस्जिद में बदल दिया।
  • इसका निर्माण थोडा सा फ़िर से करवाया।
  • अबु बकर ने इसका नक्शा तैयार किया था।
  • मस्जिद का अन्दर का हिस्सा मस्जिद से अलग किसी मंदिर की तरह से लगता है।

[[चित्र:Adhai-Din-Ka-Jhonpra-Ajmer-1.jpg|thumb|500px|center|अढाई दिन का झोपडा, अजमेर]]

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