भारत का संविधान: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{भारत विषय सूची}}
{{भारत विषय सूची}}
{{प्रतीक्षा|तिथि-समय=13:06, 13 अक्टूबर 2011 (IST)}}
{{प्रतीक्षा|तिथि-समय=13:06, 13 अक्टूबर 2011 (IST)}}
[[भारत]] अथवा इण्डिया राज्यों का एक संघ है। य‍ह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्‍बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।
[[भारत]] अथवा इण्डिया राज्यों का एक संघ है। य‍ह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा [[26 नवम्बर]] 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो [[26 जनवरी]] 1950 को प्रवृत्त हुआ।


संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय हो। केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[राष्‍ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय [[संसद]] की परिषद में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद ([[राज्य सभा]]) तथा लोगों का सदन ([[लोक सभा]]) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा, राष्‍ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] है।
संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय हो। केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[राष्‍ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय [[संसद]] की परिषद में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद ([[राज्य सभा]]) तथा लोगों का सदन ([[लोक सभा]]) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा, राष्‍ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] है।
Line 8: Line 8:


संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता है।
संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता है।


==उद्देशिका==  
==उद्देशिका==  
Line 22: Line 21:
     दृढ़संकल्प होकर  
     दृढ़संकल्प होकर  
     अपनी इस संविधान सभा में  
     अपनी इस संविधान सभा में  
आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हज़ार छह विक्रमी) को  
आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद्‌द्वारा  इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।  
एतद्‌द्वारा  इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।  
</poem>
</poem>


Line 35: Line 33:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संविधान संशोधन}}
{{संविधान संशोधन}}
[[Category:भारत का संविधान]]
[[Category:भारत का संविधान]]
[[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
[[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 15:57, 26 December 2011

भारत विषय सूची

प्रतीक्षा|left इस पन्ने पर सम्पादन का कार्य चल रहा है। कृपया प्रतीक्षा करें यदि 10 दिन हो चुके हों तो यह 'सूचना साँचा' हटा दें या दोबारा लगाएँ।
सूचना साँचा लगाने का समय → 13:06, 13 अक्टूबर 2011 (IST)

भारत अथवा इण्डिया राज्यों का एक संघ है। य‍ह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक स्‍वतंत्र प्रभुसत्ता सम्‍पन्‍न समाजवादी लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य है। यह गणराज्‍य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ।

संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय हो। केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद (राज्य सभा) तथा लोगों का सदन (लोक सभा) के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधान मंत्री होगा, राष्‍ट्रपति सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है।

मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्‍येक राज्‍य में एक विधान सभा है। कुछ राज्‍यों में एक ऊपरी सदन है जिसे राज्‍य विधान परिषद कहा जाता है। राज्यपाल राज्‍य का प्रमुख है। प्रत्‍येक राज्‍य का एक राज्‍यपाल होगा तथा राज्‍य की कार्यकारी शक्ति उसमें विहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्‍य मंत्री है, राज्‍यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्‍पादन में सलाह देती है। राज्‍य की मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्‍य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।

संविधान में संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टियों की सूचियों के अनुसार संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता है।

उद्देशिका

हम, भारत के लोग, भारत को एक[1] [संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य] बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को :

 
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास
धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता
     प्राप्त कराने के लिए
     तथा उन सब में
     व्यक्ति की गरिमा और[2] [राष्ट्र की एकता और अखंडता]
     सुनिश्चित करने वाली बंधुता
     बढ़ाने के लिए
     दृढ़संकल्प होकर
     अपनी इस संविधान सभा में
आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद्‌द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 2 द्वारा (3-1-1977 से) “प्रभुत्व-संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य” के स्थान पर प्रतिस्थापित
  2. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 2 द्वारा (3-1-1977 से) "राष्ट्र की एकता" के स्थान पर प्रतिस्थापित

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख