चेतुरागढ़ क़िला: Difference between revisions
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'''चेतुरागढ़ क़िला''' को लाफागढ़ क़िले के नाम से भी जाना जाता है। यह 3060 मीटर ऊँचे पहाड़ पर बसा हुआ है और [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] से 70 किमी की दूरी पर स्थित है। | '''चेतुरागढ़ क़िला''' को लाफागढ़ क़िले के नाम से भी जाना जाता है। यह 3060 मीटर ऊँचे पहाड़ पर बसा हुआ है और [[कोरबा ज़िला|कोरबा]] से 70 किमी की दूरी पर स्थित है। |
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[[चित्र:Mahishasur-Mardini-Temple.jpg|thumb|250px|महिषासुर मर्दिनी मन्दिर, छत्तीसगढ़]] चेतुरागढ़ क़िला को लाफागढ़ क़िले के नाम से भी जाना जाता है। यह 3060 मीटर ऊँचे पहाड़ पर बसा हुआ है और कोरबा से 70 किमी की दूरी पर स्थित है।
- चेतुरागढ़ क़िले का निर्माण राजा पृथ्वी देव ने कराया था, यह एक क़िला है इसमें तीन प्रवेश द्वार हैं, इन प्रवेश द्वारों के नाम मेनका, हुमकारा और सिम्हाद्वार हैं।
- चेतुरागढ़ क़िले का क्षेत्रफल 5 किमी वर्ग में फैला हुआ है और इसमें पाँच तालाब हैं इन पाँच तालाबों में तीन तालाब सदाबहार हैं, जो पूरे साल जल से भरे रहते हैं।
- चेतुरागढ़ क़िले में महिषासुर मर्दिनी मन्दिर है।
- मन्दिर के गर्भ में महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसके बारह हाथ हैं।
- नवरात्रों में यहाँ पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, स्थानीय निवासी इस पूजा में बड़ी श्रद्धा से भाग लेते हैं।
- महिषासुर मर्दिनी मन्दिर के पास ख़ूबसूरत शंकर गुफ़ा भी है, जो लगभग 25 फीट लंबी है और गुफ़ा का प्रवेश द्वार बहुत छोटा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ