राष्ट्रीय कालिदास सम्मान: Difference between revisions
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Revision as of 10:16, 30 January 2012
मध्य प्रदेश शासन ने सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता को सम्मानित करने के लिए इन कलाओं में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान के नाम से शास्त्रीय संगीत, रूपंकर कलाओं, रंगकर्म और शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में एक-एक लाख रुपये के चार वार्षिक सम्मान स्थापित किए गये हैं। प्रारम्भ में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान क्रमश: दिए जाते थे। वर्ष 1986-87 से उक्त चारों कला क्षेत्रों में अलग-अलग सम्मान दिये जाने लगे हैं।
चयन की प्रक्रिया
कालिदास सम्मान का आधार सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ कला साधना रखा गया है। चयन की निश्चित प्रक्रिया है और कला का एक राष्ट्रीय मानदण्ड अथापित करके सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है और इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि जहाँ एक ओर कलात्मक उपलब्धियों के लिए एक व्यापक मत संग्रह सन्दर्भ के लिए उपलब्ध रहें, वहीं सम्मान से विभूषित किए जाने वाले कलाकार का चयन असंदिग्ध निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करें जो उत्तारदायी जीवन दृष्टि, गम्भीर कलानुशासन और सौन्दर्यबोध पर आश्रित हैं। प्रक्रिया के अनुसार संस्कृति विभाग निर्धारित कलानुशासन में कलाकारों, विशेषज्ञों, रसिकों और संगठनों से अपने रचनात्मक वैशिष्ट्य ज्ञान और संसक्ति का लाभ लेते हुए सम्मान के लिए उपयुक्त कलाकारों के नामांकन करने का अनुरोध करता है। ये नामांकन संकलित करके विशेषज्ञों की चयन समिति के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखे जाते हैं। चयन समिति का निर्णय शासन के लिए बंधनकारी होता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ राष्ट्रीय कालिदास सम्मान (हिंदी) (ए.एस.पी) जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2012।
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