राणा उदयसिंह: Difference between revisions

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*इनका जन्म इनके पिता के मरने के बाद हुआ था, और तभी [[गुजरात]] के बहादुरशाह ने [[चित्तौड़]] नष्ट कर दिया था।  
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*चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद उदयसिंह का देहांत हो गया।
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Revision as of 05:40, 12 March 2012

thumb|राणा उदयसिंह राणा उदयसिंह मेवाड़ के राणा साँगा के पुत्र और राणा प्रताप के पिता थे।

  • इनका जन्म इनके पिता के मरने के बाद हुआ था, और तभी गुजरात के बहादुरशाह ने चित्तौड़ नष्ट कर दिया था।
  • इनकी माता कर्णवती द्वारा हुमायूँ को राखीबंद भाई बनाने की बात इतिहासप्रसिद्ध है। मेवाड़ की ख्यातों में इनकी रक्षा की अनेक अलौकिक कहानियाँ कही गई हैं। उदयसिंह को कर्त्तव्यपरायण धाय पन्ना के साथ बलबीर से रक्षा के लिए जगह-जगह शरण लेनी पड़ी थी।
  • उदयसिंह 1541 ई. में मेवाड़ के राणा हुए और कुछ ही दिनों के बाद अकबर ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर चढ़ाई की। हज़ारों मेवाड़ियों की मृत्यु के बाद जब लगा कि चित्तौड़गढ़ अब न बचेगा तब जयमल और पत्ता आदि वीरा के हाथ में उसे छोड़ उदयसिंह अरावली के घने जंगलों में चले गए।
  • वहाँ उन्होंने नदी की बाढ़ रोक उदयसागर नामक सरोवर का निर्माण किया था। वहीं उदयसिंह ने अपनी नई राजधानी उदयपुर बसाई।
  • चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद उदयसिंह का देहांत हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

उपाध्याय, ओंकारनाथ “खण्ड 2”, हिन्दी विश्वकोश, 1975 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, पृष्ठ सं 91।

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