नागार्जुनी गुहा: Difference between revisions
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'''नागार्जुनी गुहा''' [[गया ज़िला]], [[बिहार]] में स्थित है। यह गुफ़ा [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा के प्रसिद्ध आचार्य [[नागार्जुन बौद्धाचार्य|नागार्जुन]] के नाम पर प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि वे यहाँ पर कुछ समय पर्यन्त रहे थे। | '''नागार्जुनी गुहा''' [[गया ज़िला]], [[बिहार]] में स्थित है। यह गुफ़ा [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा के प्रसिद्ध आचार्य [[नागार्जुन बौद्धाचार्य|नागार्जुन]] के नाम पर प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि वे यहाँ पर कुछ समय पर्यन्त रहे थे।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=490|url=}}</ref> | ||
*आचार्य नागार्जुन का समय द्वितीय शती ई. में माना जाता है। | *आचार्य नागार्जुन का समय द्वितीय शती ई. में माना जाता है। | ||
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Latest revision as of 10:47, 21 June 2012
नागार्जुनी गुहा गया ज़िला, बिहार में स्थित है। यह गुफ़ा बौद्ध धर्म की महायान शाखा के प्रसिद्ध आचार्य नागार्जुन के नाम पर प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि वे यहाँ पर कुछ समय पर्यन्त रहे थे।[1]
- आचार्य नागार्जुन का समय द्वितीय शती ई. में माना जाता है।
- नागार्जुनी गुफ़ा में मौखरि वंश के नरेश अनंतवर्मन का एक तिथिहीन लेख भी है, जिसका उद्देश्य अनंतवर्मन द्वारा इस गुहा मंदिर में भूतपति शिव तथा देवी पार्वती की अर्धनारीश्वर मूर्ति की प्रतिष्ठापना का उल्लेख है।
- अनंतवर्मन ही का एक अन्य अभिलेख भी इस गुहा में है, जिसमें उसके द्वारा कात्यायनी देवी की एक प्रतिमा के प्रतिष्ठापन तथा उसके लिए एक ग्राम के दान का उल्लेख है। अभिलेख 7वीं शती ई. के हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 490 |