जयंती शक्तिपीठ: Difference between revisions
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*[[भारत]] के पूर्वीय भाग में स्थित [[मेघालय]] एक पर्वतीय राज्य है और गारी, | *[[भारत]] के पूर्वीय भाग में स्थित [[मेघालय]] एक पर्वतीय राज्य है और गारी, ख़ासी, जयंतिया यहाँ की मुख्य पहाड़ियाँ हैं। | ||
*सम्पूर्ण मेघालय पर्वतो का प्रान्त है। | *सम्पूर्ण मेघालय पर्वतो का प्रान्त है। | ||
*यहाँ की जयंतिया पहाड़ी पर ही 'जयंती शक्तिपीठ' है, जहाँ सती के "वाम जंघ" का निपात हुआ था। | *यहाँ की जयंतिया पहाड़ी पर ही 'जयंती शक्तिपीठ' है, जहाँ सती के "वाम जंघ" का निपात हुआ था। |
Latest revision as of 13:23, 1 October 2012
जयंती शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
- भारत के पूर्वीय भाग में स्थित मेघालय एक पर्वतीय राज्य है और गारी, ख़ासी, जयंतिया यहाँ की मुख्य पहाड़ियाँ हैं।
- सम्पूर्ण मेघालय पर्वतो का प्रान्त है।
- यहाँ की जयंतिया पहाड़ी पर ही 'जयंती शक्तिपीठ' है, जहाँ सती के "वाम जंघ" का निपात हुआ था।
- यह शक्तिपीठ शिलांग से 53 कि.मी. दूर जयंतिया पर्वत के बाउर भाग ग्राम में स्थित है।
- यहाँ की सति 'जयंती' तथा शिव 'क्रमदीश्वर' हैं।
- शिलांग रेलमार्ग से नहीं जुड़ा है, अत: निकटस्थ रेलवे स्टेशन गोलपारा टाउन है या लुमडिंग है, जहाँ से यात्रा सड़क मार्ग से की जा सकती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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