दीपक: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "चिन्ह" to "चिह्न")
m (Adding category Category:भारतीय संस्कृति के प्रतीक (को हटा दिया गया हैं।))
Line 27: Line 27:
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
[[Category:धार्मिक चिह्न]]
[[Category:धार्मिक चिह्न]]
[[Category:भारतीय संस्कृति के प्रतीक]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 10:21, 23 November 2012

[[चित्र:Diya-Diwali-1.jpg|thumb|250px|दीपावली की रात्रि में जलता हुए दीपक]]

  • प्रत्येक धार्मिक कार्य में दीप प्रज्वलित करके उसका नमन किया जाता है।
  • दीपक की ज्योति 'परब्रह्म' स्वरूप है।
  • दीपक प्रकाश (जीवन), उल्लास, पवित्रता और शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है।
  • आत्मा को 'स्वयंज्योति', 'स्वयंप्रकाश' कहा जाता है।
  • 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाओ।
  • हिन्दू घरों में तुलसी चौरे पर दीया जलाने की प्रथा है।
  • दीया जलाकर प्रार्थना की जाती है - 'हे दीपक रूप ज्योति! तू शुभ तथा कल्याण करती है, आरोग्य एवं धन संपत्ति प्रदान करती है, किसी को भी शत्रु समझने की बुद्धि का नाश करती है, इसलिए मैं तुझे नमस्कार करता हूँ।
  • ऐसा कहा जाता है कि अकाल मृत्यु टालने के लिए कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि के आरम्भ में 14 दीये प्रज्वलित करने से यमराज संतुष्ट होते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख