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'''चितवर''' [[राजस्थान]] का एक प्राचीन नगर था, किंतु अब इसका अभिज्ञान अज्ञात है। इसका उल्लेख [[तिब्बत]] के [[इतिहास]] लेखक तारानाथ ने मारवाड़ के किसी राजा हर्ष के संबंध में किया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=333|url=}}</ref>
'''चितवर''' [[राजस्थान]] का एक प्राचीन नगर था, किंतु अब इसका अभिज्ञान अज्ञात है। इसका उल्लेख [[तिब्बत]] के [[इतिहास]] लेखक तारानाथ ने [[मारवाड़]] के किसी राजा हर्ष के संबंध में किया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=333|url=}}</ref>
 
*हर्ष ने चितवर में एक [[बौद्ध विहार]] का निर्माण करवाया था, जिसमें एक सहस्त्र [[बौद्ध]] भिक्षुओं का निवास था।
*हर्ष ने चितवर में एक बौद्ध विहार का निर्माण करवाया था, जिसमें एक सहस्त्र [[बौद्ध]] भिक्षुओं का निवास था।
*संभवत: 'इंडियन एंटिक्वेरी'<ref>इंडियन एंटिक्वेरी, पृ. 187</ref> ([[1910]]) में उल्लिखित हर्षपुर भी इसी हर्ष के नाम पर बसा हुआ नगर था।
*संभवत: 'इंडियन एंटिक्वेरी'<ref>इंडियन एंटिक्वेरी, पृ. 187</ref> ([[1910]]) में उल्लिखित हर्षपुर भी इसी हर्ष के नाम पर बसा हुआ नगर था।
*इस राजा हर्ष का समय 7वीं शती ई. माना गया है।
*इस राजा हर्ष का समय 7वीं शती ई. माना गया है।

Latest revision as of 13:32, 4 January 2013

चितवर राजस्थान का एक प्राचीन नगर था, किंतु अब इसका अभिज्ञान अज्ञात है। इसका उल्लेख तिब्बत के इतिहास लेखक तारानाथ ने मारवाड़ के किसी राजा हर्ष के संबंध में किया है।[1]

  • हर्ष ने चितवर में एक बौद्ध विहार का निर्माण करवाया था, जिसमें एक सहस्त्र बौद्ध भिक्षुओं का निवास था।
  • संभवत: 'इंडियन एंटिक्वेरी'[2] (1910) में उल्लिखित हर्षपुर भी इसी हर्ष के नाम पर बसा हुआ नगर था।
  • इस राजा हर्ष का समय 7वीं शती ई. माना गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 333 |
  2. इंडियन एंटिक्वेरी, पृ. 187

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