अकबर का क़िला अजमेर: Difference between revisions
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*10 जनवरी 1616 ईस्वी को [[इंग्लैण्ड]] के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था। | *10 जनवरी 1616 ईस्वी को [[इंग्लैण्ड]] के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था। | ||
*[[ | *[[हल्दीघाटी उदयपुर|हल्दी घाटी]] के युद्ध को अंतिम रूप इसी क़िले में दिया गया था। | ||
*1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था। | *1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था। | ||
*उन्होंने इसका उपयोग राजपुताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे मेग्जीन के नाम से पुकारते थे। | *उन्होंने इसका उपयोग राजपुताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे मेग्जीन के नाम से पुकारते थे। |
Revision as of 12:15, 24 June 2010
- राजस्थान के शहर अजमेर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है।
- यह एक राजकीय संग्रहालय भी है।
- यह नया बाजार में स्थित है।
- यहाँ प्राचीन मूर्तीयाँ, सिक्के, पेंटिंग्स, कवच आदि रखे हुए हैं।
- अंग्रेज़ों ने यहीं से जनवरी 1616 में मुग़ल बादशाह जहाँगीर से भारत में व्यापार करने की इजाजत माँगी थी।
- अकबर प्रति वर्ष ख्वाजा साहब के दर्शन करने तथा राजपुताना के युद्धों में भाग लेने के लिये यहाँ आया करता था।
- अकबर अपने ठहरने के लिये 1570 ईस्वी में एक क़िले का निर्माण करवाया जो अकबर के क़िले के नाम से जाना जाता हैं।
- बादशाह जहॉगीर भी यहाँ लोगो को झरोका दर्शन देता था।
- 10 जनवरी 1616 ईस्वी को इंग्लैण्ड के सम्राट जेम्स प्रथम का राजदूत सर टॉमस रॉ अकबर के क़िले में यहीं जहाँगीर से मिला था।
- हल्दी घाटी के युद्ध को अंतिम रूप इसी क़िले में दिया गया था।
- 1818 में इस क़िले पर अंग्रेज़ों ने अधिकार कर लिया था।
- उन्होंने इसका उपयोग राजपुताना शस्त्रगार के रूप में किया और वे इसे मेग्जीन के नाम से पुकारते थे।