हीरा: Difference between revisions

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Revision as of 10:04, 21 July 2010

  1. REDIRECTसाँचा:आधार
  • क़ीमती पत्थर को रत्न कहा जाता है अपनी सुंदरता की वजह से यह क़ीमती होते है।
  • रत्न आकर्षक खनिज का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बहुत से रत्न ठोस खनिज के होते है, लेकिन कुछ नरम खनिज के भी होते है।
  • रत्न अपनी चमक और अन्य भौतिक गुणों के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है।
  • ग्रेडिंग, काटने और पॉलिश से रत्नों को एक नया रुप और रंग दिया जाता है और इसी रूप और रंग की वजह से यह रत्न गहनों को और भी आकर्षक बनाते है।
  • रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।

प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार उच्च कोटि में 84 प्रकार के रत्न आते हैं। इनमें से बहुत से रत्न अब अप्राप्य हैं तथा बहुत से नए-नए रत्नों का आविष्कार भी हुआ है। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज़्यादा पहने जाते हैं। वर्तमान समय में प्राचीन ग्रंथों में वर्णित रत्नों की सूचियाँ प्रामाणिक नहीं रह गई हैं।

हीरा

हीरा एक प्रकार का बहुमूल्य रत्न है जो बहुत चमकदार और बहुत कठोर होता है। हीरा रत्न अत्यन्त महंगा व दिखने में सुन्दर होता है। हीरा सफेद, नीला, पीला, गुलाबी, काला, लाल आदि अनेक रंगों में उपलब्ध होता है। सफेद हीरा सर्वोत्तम है और हीरा सभी प्रकार के रत्नों में श्रेष्ठ है। हीरे को हीरे के कणों के द्वारा पॉलिश करके खूबसूरत बनाया जाता है। [1]

अन्य नाम

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हीरा है शुक्र का रत्न (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 19 जुलाई, 2010।

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