जवारि: Difference between revisions
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'''जवारि''' या 'जौहर' [[कोंकण]], [[महाराष्ट्र]] में [[छत्रपति शिवाजी]] के समय एक छोटा-सा ऐतिहासिक राज्य था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=360|url=}}</ref> सलहेरि के युद्ध के पश्चात 1672 ई. में इसे शिवाजी ने जीत लिया था। यह विजय उनके सेनापति मोरोपंत पिंगले ने की थी। कविवर [[भूषण]] ने इसका वर्णन इस प्रकार किया है- | '''जवारि''' या 'जौहर' [[कोंकण]], [[महाराष्ट्र]] में [[छत्रपति शिवाजी]] के समय एक छोटा-सा ऐतिहासिक राज्य था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=360|url=}}</ref> [[सलहेरि]] के युद्ध के पश्चात 1672 ई. में इसे शिवाजी ने जीत लिया था। यह विजय उनके सेनापति मोरोपंत पिंगले ने की थी। कविवर [[भूषण]] ने इसका वर्णन इस प्रकार किया है- | ||
<blockquote>'भूषण भनत रामनगर जवारि तेरे, वैर परवाह बहे रुधिर नदीन के' <ref>शिवराज-भूषण 173.</ref></blockquote> | <blockquote>'भूषण भनत रामनगर जवारि तेरे, वैर परवाह बहे रुधिर नदीन के' <ref>शिवराज-भूषण 173.</ref></blockquote> |
Revision as of 10:40, 2 October 2014
जवारि या 'जौहर' कोंकण, महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी के समय एक छोटा-सा ऐतिहासिक राज्य था।[1] सलहेरि के युद्ध के पश्चात 1672 ई. में इसे शिवाजी ने जीत लिया था। यह विजय उनके सेनापति मोरोपंत पिंगले ने की थी। कविवर भूषण ने इसका वर्णन इस प्रकार किया है-
'भूषण भनत रामनगर जवारि तेरे, वैर परवाह बहे रुधिर नदीन के' [2]
- रामनगर, जवारि के पास दूसरा राज्य था।
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