शाजापुर: Difference between revisions

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==भौगोलिक स्थिति==
==भौगोलिक स्थिति==
शाजापुर निकटवर्ती पहाड़ियों से निकली [[काली सिंध]] की सहायक नदी लाकुंडा के पश्चिमी तट स्थित है। नगर के नजदीक की भैरव टेकरी चोटी मालवा की पहाड़ियों की सबसे ऊपरी चोटी है, यहाँ पर भैरव की एक मूर्ति है। शाजापुर जिले में (क्षेत्रफल 6.201 वर्ग किमी) भूतपूर्व [[ग्वालियर]], [[भोपाल]] और [[देवास]] रियासतों के हिस्से आते हैं। यह उर्वर मावला पठार पर स्थित है, और काली सिंध तता नेवाज नदियों द्वारा सिंचित है।  
शाजापुर निकटवर्ती पहाड़ियों से निकली [[काली सिंध]] की सहायक नदी लाकुंडा के पश्चिमी तट स्थित है। नगर के नजदीक की भैरव टेकरी चोटी मालवा की पहाड़ियों की सबसे ऊपरी चोटी है, यहाँ पर भैरव की एक मूर्ति है। शाजापुर ज़िले में (क्षेत्रफल 6.201 वर्ग किमी) भूतपूर्व [[ग्वालियर]], [[भोपाल]] और [[देवास]] रियासतों के हिस्से आते हैं। यह उर्वर मावला पठार पर स्थित है, और काली सिंध तता नेवाज नदियों द्वारा सिंचित है।  
==इतिहास==
==इतिहास==
शाजापुर नगर की स्थापना लगभग 1640 में [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने की थी और इसका नाम शाहजहांपुर का ही विकृत रूप है, शाहजहांपुर अपने 75 मंदिरों के लिए विख्यात है, जिनमें सोमेश्वर महादेव, ओंकारेश्रर महादेव, मांगनाथ, नित्यानंद, गिरिवर और राजराजेश्वरी, जामा मस्जिद, बाग और कुछ जैन मंदिर शामिल है, जैन मतावलबी इस जिले में चारों तरफ बिखरें है। 1956 में इस जिले को ग्वालियर संभाग से स्थानांतरित कर दिया गया।  
शाजापुर नगर की स्थापना लगभग 1640 में [[मुग़ल]] बादशाह [[शाहजहाँ]] ने की थी और इसका नाम शाहजहांपुर का ही विकृत रूप है, शाहजहांपुर अपने 75 मंदिरों के लिए विख्यात है, जिनमें सोमेश्वर महादेव, ओंकारेश्रर महादेव, मांगनाथ, नित्यानंद, गिरिवर और राजराजेश्वरी, जामा मस्जिद, बाग और कुछ जैन मंदिर शामिल है, जैन मतावलबी इस ज़िले में चारों तरफ बिखरें है। 1956 में इस ज़िले को ग्वालियर संभाग से स्थानांतरित कर दिया गया।  
==वाणिज्य एवं व्यापार==
==वाणिज्य एवं व्यापार==
शाजापुर अपने वाणिज्य एवं व्यापार के लिए उज्जैन और इंदौर पर निर्भर करता है। यह नगर सड़क और पश्चिमी रेलवे का बडा जंक्शन है, और महत्त्वपूर्ण कृषि केंद्र है, यहां के उद्योग कपास ओटाई व गांठ बनाने, आटा उत्पादन और ईंट निर्माण से जुडे है, यहां पर एक अत्यंत सुरक्षित किले के भीतर ऐतिहासिक मराठा रानी तारा बाई महल स्थित है।  
शाजापुर अपने वाणिज्य एवं व्यापार के लिए उज्जैन और इंदौर पर निर्भर करता है। यह नगर सड़क और पश्चिमी रेलवे का बडा जंक्शन है, और महत्त्वपूर्ण कृषि केंद्र है, यहां के उद्योग कपास ओटाई व गांठ बनाने, आटा उत्पादन और ईंट निर्माण से जुडे है, यहां पर एक अत्यंत सुरक्षित किले के भीतर ऐतिहासिक मराठा रानी तारा बाई महल स्थित है।  

Latest revision as of 13:52, 1 November 2014

शाजापुर नगर शाजापुर ज़िले का मुख्यालय है जो मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह आगरा-मुंबई (भूतपूर्व बंबई) राष्टीय रायमार्ग (एन.एच-3) पर स्थित है, और अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों सें जुड़ा है, जिनमें गुना, इंदौर और उज्जैन शामिल है।

भौगोलिक स्थिति

शाजापुर निकटवर्ती पहाड़ियों से निकली काली सिंध की सहायक नदी लाकुंडा के पश्चिमी तट स्थित है। नगर के नजदीक की भैरव टेकरी चोटी मालवा की पहाड़ियों की सबसे ऊपरी चोटी है, यहाँ पर भैरव की एक मूर्ति है। शाजापुर ज़िले में (क्षेत्रफल 6.201 वर्ग किमी) भूतपूर्व ग्वालियर, भोपाल और देवास रियासतों के हिस्से आते हैं। यह उर्वर मावला पठार पर स्थित है, और काली सिंध तता नेवाज नदियों द्वारा सिंचित है।

इतिहास

शाजापुर नगर की स्थापना लगभग 1640 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने की थी और इसका नाम शाहजहांपुर का ही विकृत रूप है, शाहजहांपुर अपने 75 मंदिरों के लिए विख्यात है, जिनमें सोमेश्वर महादेव, ओंकारेश्रर महादेव, मांगनाथ, नित्यानंद, गिरिवर और राजराजेश्वरी, जामा मस्जिद, बाग और कुछ जैन मंदिर शामिल है, जैन मतावलबी इस ज़िले में चारों तरफ बिखरें है। 1956 में इस ज़िले को ग्वालियर संभाग से स्थानांतरित कर दिया गया।

वाणिज्य एवं व्यापार

शाजापुर अपने वाणिज्य एवं व्यापार के लिए उज्जैन और इंदौर पर निर्भर करता है। यह नगर सड़क और पश्चिमी रेलवे का बडा जंक्शन है, और महत्त्वपूर्ण कृषि केंद्र है, यहां के उद्योग कपास ओटाई व गांठ बनाने, आटा उत्पादन और ईंट निर्माण से जुडे है, यहां पर एक अत्यंत सुरक्षित किले के भीतर ऐतिहासिक मराठा रानी तारा बाई महल स्थित है।

शिक्षा केंद्र

नगर में व्रिकम विश्वविद्यालय उज्जैन से संबद्र अनेक महाविद्यालय है, और पास ही एक फल अनुसंधान केंद्र भी है।

जनसंख्या

शाजापुर नगर की जनसंख्या (2001 के अनुसार) 50,086 और ज़िले की कुल जनसंख्या 12,90,230 है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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