भूरी सिंह संग्रहालय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 41: Line 41:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.chambaheritage.net/museum.html BHURI SINGH MUSEUM]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संग्रहालय}}{{हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
{{संग्रहालय}}{{हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल}}
[[Category:संग्रहालय]][[Category:हिमाचल प्रदेश]][[Category:हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:संग्रहालय कोश]]
[[Category:संग्रहालय]][[Category:हिमाचल प्रदेश]][[Category:हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:संग्रहालय कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 13:16, 12 January 2015

भूरी सिंह संग्रहालय
विवरण 'भूरी सिंह संग्रहालय' हिमाचल प्रदेश के डलहौजी शहर में स्थित है। इस संग्रहालय में शारदा लिपि के कई ऐतिहासिक शिलालेख रखे गए हैं।
राज्य हिमाचल प्रदेश
ज़िला चंबा
निर्माण काल 1908
निर्माणकर्ता राजा भूरी सिंह
खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक।
संबंधित लेख हिमाचल प्रदेश, चंबा, डलहौजी
अन्य जानकारी इस संग्रहालय में पर्यटक पुराने जमाने के हथियार, सिक्के, पहाड़ी आभूषण और वेशभूषा, विभिन्न सजावटी सामान को देख सकते हैं।

भूरी सिंह संग्रहालय हिमाचल प्रदेश में चंबा ज़िले के पर्यटन स्थल डलहौजी में स्थित है। 'गुलेर-कांगड़ा शैली' के चित्रों का सुंदर संग्रह इस संग्रहालय में रखा गया है। पर्यटक यहाँ आकर बसोली चित्रकला को भी देख सकते हैं, जिनमें 'भागवतपुराण' और 'रामायण' का वर्णन चित्रों के माध्‍यम से किया गया है।[1]

विशेषताएँ

  • इस संग्रहालय का निर्माण 1908 ई. में राजा भूरी सिंह ने चंबा के राजा के सम्‍मान में करवाया था।
  • राजा भूरी सिंह ने इस संग्रहालय में अपने परिवार के कई निजी चित्रों को भी लगवाया था।
  • इस संग्रहालय में शारदा लिपि के कई ऐतिहासिक शिलालेख रखे गए हैं, जिनमें उस काल के इतिहास के बारे में काफ़ी विस्‍तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
  • भूरी सिंह संग्रहालय में चंबा के शासकों के काल की कई कृतियां देखने को मिलती हैं, जिन्‍हें देखकर उस काल के लोगों का कला और संस्कृति के प्रति रूझान का पता चलता है।
  • इस संग्रहालय के पास में ही चंबा-रूमाल या रूमाल जैसे मुख्‍य आकर्षण भी शामिल हैं, जिन्‍हें यहाँ के स्‍थानीय लोगों द्वारा बनाया जाता है।[1]
  • यहाँ आकर पर्यटक पुराने जमाने के हथियार, सिक्के, पहाड़ी आभूषण और वेशभूषा, विभिन्न सजावटी सामान को संग्रहालय में देख सकते हैं।
  • संग्रहालय अवकाश के दिन बंद रहता है। वैसे प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक यहाँ आया जा सकता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 भूरी सिंह संग्रहालय, डलहौजी (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 02 जनवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख