सांख्य चन्द्रिका: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (1 अवतरण) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:दर्शन" to "") |
||
Line 8: | Line 8: | ||
{{सांख्य दर्शन}} | {{सांख्य दर्शन}} | ||
[[Category:दर्शन कोश]] | [[Category:दर्शन कोश]] | ||
[[Category:सांख्य | [[Category:सांख्य दर्शन]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:19, 21 August 2010
- सांख्यकारिका की एक अर्वाचीन व्याख्या है जिसके व्याख्याकार नारायणतीर्थ हैं।
- नारायणतीर्थ सत्रहवीं शती के हैं।
- इन्हें अन्य भारतीय दर्शनों का भी अच्छा ज्ञान था।
- सांख्य-चंद्रिका ही संभवत: एक मात्र व्याख्या है जिसमें छठी कारिका में 'सामान्यतस्तु दृष्टात' का अर्थ सामान्यतोदृष्ट अनुमान न लेकर 'सामान्यत: तु दृष्टात्' अर्थ में ही स्वीकार किया।