दिनेश शर्मा: Difference between revisions

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#[[नवंबर]], 2014 में उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय सदस्यता का प्रभारी बनाया गया था। उस समय भाजपा के सदस्यों की एक करोड़ हुआ करती थी, अब यह संख्या 11 करोड़ पार कर गई है।
#[[नवंबर]], 2014 में उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय सदस्यता का प्रभारी बनाया गया था। उस समय भाजपा के सदस्यों की एक करोड़ हुआ करती थी, अब यह संख्या 11 करोड़ पार कर गई है।
==उप-मुख्यमंत्री==
==उप-मुख्यमंत्री==
दिनेश शर्मा के आमंत्रण पर ही साल [[2016]] के [[अक्टूबर]] में [[नरेंद्र मोदी|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी]] लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग़ रामलीला में शामिल हुए थे। [[राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ]] के दिनेश शर्मा बेहद करीबी माने जाते हैं। [[भारतीय जनता पार्टी]] ने [[उत्तर प्रदेश]] के विधान सभा चुनाव, 2017 में शानदार जीत के बाद [[योगी आदित्यनथ]] को [[मुख्यमंत्री]] बनाया तो वहीं दिनेश शर्मा और [[केशव प्रसाद मौर्य]] को उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। बेदाग़ और साफ-सुथरी छवि का ही फायदा दिनेश शर्मा को मिला है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का नजदीकी होना भी उनके लिए फायदेमंद रहा। [[लखनऊ]] का मेयर होने के नाते दिनेश शर्मा को प्रशासनिक अनुभव भी काफ़ी अच्छा है।
दिनेश शर्मा के आमंत्रण पर ही साल [[2016]] के [[अक्टूबर]] में [[नरेंद्र मोदी|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी]] लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग़ रामलीला में शामिल हुए थे। [[राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ]] के दिनेश शर्मा बेहद करीबी माने जाते हैं। [[भारतीय जनता पार्टी]] ने [[उत्तर प्रदेश]] के विधान सभा चुनाव, 2017 में शानदार जीत के बाद [[योगी आदित्यनाथ]] को [[मुख्यमंत्री]] बनाया तो वहीं दिनेश शर्मा और [[केशव प्रसाद मौर्य]] को उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। बेदाग़ और साफ-सुथरी छवि का ही फायदा दिनेश शर्मा को मिला है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का नजदीकी होना भी उनके लिए फायदेमंद रहा। [[लखनऊ]] का मेयर होने के नाते दिनेश शर्मा को प्रशासनिक अनुभव भी काफ़ी अच्छा है।





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दिनेश शर्मा (अंग्रेज़ी: Dinesh Sharma, जन्म- 12 जनवरी, 1964) भारतीय राजनीतिज्ञ तथा राजनेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वे उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुए विधान सभा चुनाव, 2017 में भाजपा की शानदार सफलता के बाद जब योगी आदित्यनाथ को सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया तो दिनेश शर्मा को केशव प्रसाद मौर्य के साथ उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। दिनेश शर्मा दो बार लखनऊ के मेयर भी रह चुके हैं।

परिचय

दिनेश शर्मा का 12 जनवरी सन 1964 को हुआ था। लखनऊ के मेयर बनने से पहले वे लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे थे। वर्ष 1992 में उन्होंने ने लखनऊ विश्वविद्यालय में ही अध्यापन कराने का कार्य प्रारम्भ किया। लखनऊ विश्वविद्यालय में वे वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर हैं।

राजनीतिक जीवन

  1. दिनेश शर्मा काफ़ी लम्बे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं और इस लम्बे समय में उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्त्वपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है।
  2. कुशल संगठनकर्ता शर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भरोसा हासिल है।
  3. अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2006 में अपना आखिरी भाषण भी दिनेश शर्मा को ही चुनाव जिताने के लिए दिया था।
  4. दिनेश शर्मा 2008 में पहली बार लखनऊ के मेयर चुने गये थे। इसके बाद 2012 में पुन: मेयर बने। उन्होंने उस समय कांग्रेस में रहे नीरज बोरा का 1.71 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था।
  5. देश भर में दिनेश शर्मा उस समय सुर्खियों में आ गये, जब लोकसभा चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त विजय के बाद अगस्त, 2014 में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया। यही नहीं, उन्हें गुजरात का प्रभार भी सौंपा गया।
  6. कहा जाता है कि दिनेश शर्मा उन कुछ लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पार्टी के 'अच्छे दिनों' में सबसे ज़्यादा पुरस्कार मिला।
  7. नवंबर, 2014 में उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय सदस्यता का प्रभारी बनाया गया था। उस समय भाजपा के सदस्यों की एक करोड़ हुआ करती थी, अब यह संख्या 11 करोड़ पार कर गई है।

उप-मुख्यमंत्री

दिनेश शर्मा के आमंत्रण पर ही साल 2016 के अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग़ रामलीला में शामिल हुए थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिनेश शर्मा बेहद करीबी माने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव, 2017 में शानदार जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया तो वहीं दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। बेदाग़ और साफ-सुथरी छवि का ही फायदा दिनेश शर्मा को मिला है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह का नजदीकी होना भी उनके लिए फायदेमंद रहा। लखनऊ का मेयर होने के नाते दिनेश शर्मा को प्रशासनिक अनुभव भी काफ़ी अच्छा है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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