टी. एन. शेषन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 48: Line 48:
====पुरस्कार====
====पुरस्कार====
[[1993]] में [[तमिलनाडु]] के चुनाव शेषन के लिए ऐतिहासिक परीक्षा बनकर आए, जिसने उनके लिए एक चुनौती खड़ी की। वह उसमें बिना पराजित हुए खरे उतरे। टी. एन. शेषन को उनकी इस दायित्वपूर्ण दृढ़ता तथा कर्तव्यनिष्ठा के लिए राजकीय सेवा श्रेणी में [[1996]] का '[[मेग्सेसे पुरस्कार]]' प्रदान किया गया।
[[1993]] में [[तमिलनाडु]] के चुनाव शेषन के लिए ऐतिहासिक परीक्षा बनकर आए, जिसने उनके लिए एक चुनौती खड़ी की। वह उसमें बिना पराजित हुए खरे उतरे। टी. एन. शेषन को उनकी इस दायित्वपूर्ण दृढ़ता तथा कर्तव्यनिष्ठा के लिए राजकीय सेवा श्रेणी में [[1996]] का '[[मेग्सेसे पुरस्कार]]' प्रदान किया गया।
{|
 
|-
|
{{मुख्य चुनाव आयुक्त सूची}}
|}


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
Line 61: Line 57:
*[http://rmaward.asia/awardees/seshan-tirunellai-narayanaiyer/ Seshan, Tirunellai Narayanaiyer]
*[http://rmaward.asia/awardees/seshan-tirunellai-narayanaiyer/ Seshan, Tirunellai Narayanaiyer]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रेमन मैग्सेसे पुरस्कार}}
{{रेमन मैग्सेसे पुरस्कार}}{{मुख्य चुनाव आयुक्त}}
[[Category:मुख्य चुनाव आयुक्त]][[Category:रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
[[Category:मुख्य चुनाव आयुक्त]][[Category:रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 10:45, 30 April 2017

टी. एन. शेषन
पूरा नाम तिरुनेल्लै नारायण अय्यर शेषन
जन्म 15 मई, 1933
जन्म भूमि तिरुनेल्लई गाँव, पालघाट, केरल
कर्म-क्षेत्र राजनीति
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
शिक्षा स्नातक
विद्यालय 'क्रिश्चियन कॉलेज', मद्रास
पुरस्कार-उपाधि मेग्सेसे पुरस्कार (1996)
प्रसिद्धि भारत के भूतपूर्व 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त
विशेष योगदान अपनी गम्भीरता, निष्पक्षता और सख्ती से भारत में होने वाले चुनावों को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में मुख्य योगदान दिया है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से मुक्त होने के बाद टी. एन. शेषन ने 'देशभक्त ट्रस्ट' भी बनाया। उन्होंने वर्ष 1997 में राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा, लेकिन इस चुनाव में वे के. आर. नारायणन से पराजित हो गए।
अद्यतन‎

टी. एन. शेषन (अंग्रेज़ी: T. N. Seshan, जन्म- 15 मई, 1933, केरल)[1] का पूरा नाम 'तिरुनेल्लै नारायण अय्यर शेषन' है। वे भारत के दसवें 'मुख्य चुनाव आयुक्त' रहे हैं। शेषन ने अपनी गम्भीरता, निष्पक्षता और सख्ती से भारत में होने वाले चुनावों को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में मुख्य योगदान दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 12 दिसम्बर, 1990 से 11 दिसम्बर, 1996 तक रहा। उनके कार्यकाल में स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने के लिये नियमों का कड़ाई से पालन किया गया, जिसके कारण तत्कालीन केन्द्रीय सरकार एवं कई नेताओं के साथ उनका विवाद भी हुआ, किंतु वे अपने कार्य में पूरे मन से तल्लीन रहे और अपनी ज़िम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया। शेषन अपने कार्यकाल में सर्वाधिक चर्चित व्यक्ति रहे।

परिचय

शेषन का जन्म 15 मई, 1933 को केरल के पालघाट ज़िले में तिरुनेल्लई गाँव के एक निम्न मध्यम वर्ग के परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातक की परीक्षा मद्रास के 'क्रिश्चियन कॉलेज' से उत्तीर्ण की थी। यहीं पर उन्होंने कुछ समय तक एक व्याख्याता के रूप में भी कार्य किया। बाद में वे 'भारतीय प्रशासनिक सेवा' (आई.ए.एस.) के लिए वे चुने गए और 1955 से शेषन ने इस क्षेत्र में कार्य शुरू किया। प्रारम्भ से ही टी. एन. शेषन की छवि एक निर्भीक, सख्त तथा ईमानदार प्रशासक की रही। इस कार्यशैली के कारण उन्हें बहुत कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन न तो उन्होंने अपनी राह बदली और न ही इन्होंने निराशा को अपने मन में घर करने दिया।

मुख्य चुनाव आयुक्त

1990 में टी. एन. शेषन भारत के दसवें 'मुख्य चुनाव आयुक्त' (चीफ़ इलेक्शन कमीश्नर) चुने गए। इस पद पर वे 1996 तक बने रहे। इस दौरान शेषन ने स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने की दिशा में बहुत-से सुधार चुनाव-प्रक्रिया में किए। उन्होंने मतदाता सशक्तीकरण, चुनाव-प्रक्रिया में सुधार तथा व्यवस्था की धर्मनिरपेक्ष छवि, इन दिशाओं में काम शुरू किया। देश के प्रत्येक वयस्क नागरिक के लिए 'मतदाता पहचान-पत्र' उन्हीं की पहल का नतीजा था, तथा राजनीतिक दलों के खर्च पर अंकुश लगाना आदि, यह इनके महत्त्वपूर्ण कदम थे, जिन्हें शेषन ने पूरी ईमानदारी से संघर्षपूर्वक लागू करने की पहल की।

पराजय से सामना

मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से मुक्त होने के बाद टी. एन. शेषन ने 'देशभक्त ट्रस्ट' भी बनाया। उन्होंने वर्ष 1997 में राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा, लेकिन इस चुनाव में वे के. आर. नारायणन से पराजित हो गए। इसके दो वर्ष बाद देश की प्रमुख पार्टी में से एक कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और इस चुनाव में भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

पुरस्कार

1993 में तमिलनाडु के चुनाव शेषन के लिए ऐतिहासिक परीक्षा बनकर आए, जिसने उनके लिए एक चुनौती खड़ी की। वह उसमें बिना पराजित हुए खरे उतरे। टी. एन. शेषन को उनकी इस दायित्वपूर्ण दृढ़ता तथा कर्तव्यनिष्ठा के लिए राजकीय सेवा श्रेणी में 1996 का 'मेग्सेसे पुरस्कार' प्रदान किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. टी. एन. शेषन (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 20 सितम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख