बंगला ‌(वास्तु): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - " जगत " to " जगत् ")
 
Line 3: Line 3:
*आजकल बोलचाल की [[हिन्दी]] में इसे ''''बंगला'''' कहते हैं।
*आजकल बोलचाल की [[हिन्दी]] में इसे ''''बंगला'''' कहते हैं।
*[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने उसे अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बदल लिया था।  
*[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने उसे अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बदल लिया था।  
*औपनिवेशिक बंगला एक बड़ी ज़मीन पर बना होता था। उसमें रहने वालों को न केवल निजता मिलती थी बल्कि उनके और भारतीय जगत के बीच फ़ासला भी स्पष्ट हो जाता था।  
*औपनिवेशिक बंगला एक बड़ी ज़मीन पर बना होता था। उसमें रहने वालों को न केवल निजता मिलती थी बल्कि उनके और भारतीय जगत् के बीच फ़ासला भी स्पष्ट हो जाता था।  
*परंपरागत ढलवाँ छत और चारों तरफ़ बना बरामदा बंगले को ठंडा रखता था।
*परंपरागत ढलवाँ छत और चारों तरफ़ बना बरामदा बंगले को ठंडा रखता था।
*बंगले के परिसर में घरेलू नौकरों के लिए अलग से क्वार्टर होते थे।
*बंगले के परिसर में घरेलू नौकरों के लिए अलग से क्वार्टर होते थे।

Latest revision as of 14:18, 30 June 2017

thumb|450px बंगला शब्द उपनिवेशकाल की देन है जो आज भी चलन में है। अंग्रेज़ी का बंगलो (Bunglow) शब्द बंगाल के 'बंगला' शब्द से निकला है जो एक परंपरागत फूँस की बनी झोंपड़ी होती थी।

  • आजकल बोलचाल की हिन्दी में इसे 'बंगला' कहते हैं।
  • अंग्रेज़ों ने उसे अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बदल लिया था।
  • औपनिवेशिक बंगला एक बड़ी ज़मीन पर बना होता था। उसमें रहने वालों को न केवल निजता मिलती थी बल्कि उनके और भारतीय जगत् के बीच फ़ासला भी स्पष्ट हो जाता था।
  • परंपरागत ढलवाँ छत और चारों तरफ़ बना बरामदा बंगले को ठंडा रखता था।
  • बंगले के परिसर में घरेलू नौकरों के लिए अलग से क्वार्टर होते थे।
  • सिविल लाइन्स में बने इस तरह के बंगले एक ख़ालिस नस्ली गढ़ बन गए थे जिनमें शासक वर्ग भारतीयों के साथ रोज़ाना सामाजिक संबंधों के बिना आत्मनिर्भर जीवन जी सकते थे।
  • बीसवीं सदी की शुरुआत से ही बंगलों में ढलवाँ छतों का चलन कम होने लगा था हालाँकि मकानों की सामान्य योजना में कोई बदलाव नहीं आया था।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


संबंधित लेख