चिपराला वन्यजीव अभयारण्य चन्द्रपुर: Difference between revisions

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शुष्क वनों से घिरा यह अभ्यारण्य 134 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण्य मुख्यत: बड़ी गिलहरियों के लिए जाना जाता है। साथ ही अनेक दुर्लभ पशु जैसे टाईगर, तेंदुए, जंगली बिल्ली, स्लोथ बीयर, जंगली [[कुत्ता]] आदि भी यहाँ देखे जा सकते हैं। [[अजगर]] और [[गोह]] जैसे सरीसृप भी यहाँ दिखाई देते हैं। फ़रवरी से मई का समय यहाँ आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
शुष्क वनों से घिरा यह अभ्यारण्य 134 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण्य मुख्यत: बड़ी गिलहरियों के लिए जाना जाता है। साथ ही अनेक दुर्लभ पशु जैसे टाईगर, तेंदुए, जंगली बिल्ली, स्लोथ बीयर, जंगली [[कुत्ता]] आदि भी यहाँ देखे जा सकते हैं। [[अजगर]] और [[गोह]] जैसे सरीसृप भी यहाँ दिखाई देते हैं। फ़रवरी से मई का समय यहाँ आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।


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Revision as of 09:46, 15 November 2010

शुष्क वनों से घिरा यह अभ्यारण्य 134 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण्य मुख्यत: बड़ी गिलहरियों के लिए जाना जाता है। साथ ही अनेक दुर्लभ पशु जैसे टाईगर, तेंदुए, जंगली बिल्ली, स्लोथ बीयर, जंगली कुत्ता आदि भी यहाँ देखे जा सकते हैं। अजगर और गोह जैसे सरीसृप भी यहाँ दिखाई देते हैं। फ़रवरी से मई का समय यहाँ आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।


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