कंक (संदर्भ)

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कंक संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्क) {स्त्रीलिंग कंका, कंकी (हिन्दी)}[1]

1. एक मांसाहारी पक्षी जिसके पंख बाणों में लगाए जाते थे। सफेद चील। काँक।

उदाहरण

खग, कंक, काक, शृगाल। कट कटहि कठिन कराल। - तुलसीदास

2. एक प्रकार का आम जो बहुत बड़ा होता है।

3. यम।

4. क्षत्रिय

5. युधिष्ठिर का उस समय का कल्पित नाम, जब वे ब्राह्मण बनकर गुप्त भाव से विराट के यहाँ रहे थे।

6. एक महारथी यादव जो वसुदेव का भाई था।

7. कंस के एक भाई का नाम।

8. एक देश का नाम।[2]

9. एक प्रकार के केतु जो वरुण देवता के पुत्र माने जाते हैं।

विशेष - ये संख्या में 32 हैं और इनकी आकृति बाँस की जड़ के गुच्छे की सी है। ये अशुभ माने जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 716 |
  2. बृ. सं., पृष्ठ 83

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