निकोलाओ मानुची

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:01, 20 April 2018 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''निकोलाओ मानुची''' (अंग्रेज़ी: ''Niccolao Manucci'', 1639-1717 ई.) एक इत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

निकोलाओ मानुची (अंग्रेज़ी: Niccolao Manucci, 1639-1717 ई.) एक इतालवी लेखक और यात्री था। उसने मुग़ल दरबार में काम किया था। इसके अतिरिक्त वह दारा शिकोह, शाहआलम, राजा जयसिंह और कीरत सिंह के यहाँ भी रहा।

  • मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के शासन काल में अनेक विदेशी यात्रियों ने मुग़लकालीन भारत की यात्रा की। इन विदेशी यात्रियों में दो यात्री फ़्राँसीसी थे। जीन बपतिस्ते टेवर्नियर, जो एक जौहरी था, ने शाहजहाँ और औरंगज़ेब के शासन काल में छः बार मुग़ल साम्राज्य की यात्रा की। दूसरा यात्री फ्रेंसिस बर्नियर था, जो एक फ़्राँसीसी चिकित्सक था। इस काल में आने वाले दो इतालवी यात्री पीटर मुंडी और निकोलाओ मानुची थे। मानुची मुग़ल साम्राज्य में घटने वाली अनेक घटनाओं का प्रत्यक्षदर्शी था, विशेषतः मुग़ल गद्दी के लिए हुए उत्तराधिकार के युद्ध का। उसने ‘स्टोरियो डी मोगोर’ नामक अपने यात्रा वृत्तांत में समकालीन इतिहास का बहुत सुन्दर वर्णन किया है।
  • राजाराम जाट ने आगरा के समीप निर्मित सम्राट अकबर के भव्य एवं विशाल मकबरे को तोड़फोड़ कर वहां पर सुसज्जित बहुमूल्य साज-सामान लूट लिया था व कब्रों को खोदकर सम्राट अकबर व जहाँगीर के अवशेषों (अस्ति-पंजरों) को निकालकर अग्नि को समर्पित कर दिया था। इसकी पुष्टि तत्कालीन फ्रेंच यात्री निकोलाओ मानुची के यात्रा विवरण के निम्नांकित उल्लेख से भी होती है, उसने लिखा है[1]


‘The Sikandara was looted by jats in march 1688 A.D. Even the skelaton of Akbar the great, was taken out and the bones were consumed to flames‘ [2]

प्रसिद्ध अंग्रेज़ इतिहास लेखक विन्सेंट स्मिथ ने भी अपनी पुस्तक 'अकबर दी ग्रेट मुग़ल' में निकोलाओ मानुची के उल्लेख की पुष्टि करते हुए लिखा है–


‘बादशाह औरंगज़ेब जब दक्षिण में मराठा युद्ध में सलंग्न था, मथुरा क्षेत्र के उपद्रवी जाटों ने सम्राट अकबर का मकबरा तोड़ डाला। उसकी कब्र खोदकर उसके अवशेष अग्नि में जला डाले।'[3]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 51 |

  1. औरंगजेब की दमनकारी नीतियों के विरोध में इस वीर ने खोद डाली थी अकबर की समाधि (हिंदी) loksamachar.in। अभिगमन तिथि: 20 अप्रॅल, 2018।
  2. Storia-Mogor by Manucci
  3. Akbar the great mugal-P328, vincent smith

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः