Difference between revisions of "उत्तर कोसल"

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*उत्तर कोसल [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[अवध]] का प्राचीन नाम था।  
उत्तर कोसल [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[अवध]] का प्राचीन नाम था। मूलत: कोसल (कोशल) का विस्तार [[सरयू नदी]] से [[विन्ध्याचल पर्वत|विंध्याचल]] तक रहा होगा किंतु कालांतर में यह उत्तर और दक्षिण कोसल नामक दो भागों में विभक्त हो गया था। [[रामायण|रामायणकाल]] में भी ये दो भाग रहे होंगे। [[कौसल्या]] दक्षिण कोसल की राजकुमारी थी और उत्तरकोसल के राजा [[दशरथ]] को ब्याही थी। दक्षिणकोसल विंध्याचल के निकट वह भूभाग था जिसमें वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] के [[रायपुर ज़िला|रायपुर]] और [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] तथा उनका परवर्ती प्रदेश सम्मिलित है। उत्तरकोसल स्थूलरूप से [[गंगा नदी|गंगा]] और सरयू का मध्यवर्ती प्रदेश था। [[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]] 30, 3 में उत्तरकोसल पर [[भीम]] की विजय का वर्णन है-  
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*मूलत: कोसल (कोशल) का विस्तार [[सरयू नदी]] से [[विन्ध्याचल पर्वत|विंध्याचल]] तक रहा होगा किंतु कालांतर में यह उत्तर और दक्षिण कोसल नामक दो भागों में विभक्त हो गया था।  
:'ततोगोपालकक्षं च सोत्तरानपि कोसलान्मल्लानामधिपं चैव पार्थिक चाययत् प्रभु:'।  
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*[[रामायण|रामायणकाल]] में भी ये दो भाग रहे होंगे।  
[[कालिदास]] ने उत्तर कोसल की राजधानी [[अयोध्या]] में बताई है-  
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*[[कौसल्या]] दक्षिण कोसल की राजकुमारी थी और उत्तरकोसल के राजा [[दशरथ]] को ब्याही थी।  
:'सामान्यधात्रीमिव मानसं में संभावयत्युत्तरकोसलानाम्।'<ref>[[रघुवंश]] 13, 62</ref>
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*दक्षिणकोसल विंध्याचल के निकट वह भूभाग था जिसमें वर्तमान [[मध्य प्रदेश]] के [[रायपुर ज़िला|रायपुर]] और [[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर ज़िले]] तथा उनका परवर्ती प्रदेश सम्मिलित है।  
उत्तरकोसल का रघुवंश 18, 27 में भी उल्लेख है,  
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*उत्तरकोसल स्थूलरूप से [[गंगा नदी|गंगा]] और सरयू का मध्यवर्ती प्रदेश था।  
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*[[सभा पर्व महाभारत|महाभारत सभा पर्व]]<ref>महाभारत सभा पर्व 30, 3</ref> में उत्तरकोसल पर [[भीम]] की विजय का वर्णन है-  
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<blockquote>:'ततोगोपालकक्षं च सोत्तरानपि कोसलान्मल्लानामधिपं चैव पार्थिक चाययत् प्रभु:'।</blockquote>
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*[[कालिदास]] ने उत्तर कोसल की राजधानी [[अयोध्या]] में बताई है-  
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<blockquote>:'सामान्यधात्रीमिव मानसं में संभावयत्युत्तरकोसलानाम्।'<ref>[[रघुवंश]] 13, 62</ref></blockquote>
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*उत्तरकोसल का रघुवंश<ref>रघुवंश 18, 27</ref> में भी उल्लेख है,  
 
<poem>'कौसल्यइत्युत्तर कोसलानां पत्यु: पतंगान्वयभूषणस्य,  
 
<poem>'कौसल्यइत्युत्तर कोसलानां पत्यु: पतंगान्वयभूषणस्य,  
 
तस्यौरस: सोमसुत: सुतोऽभून्नेत्रोत्सव: सोम इव द्वितीय:।'<ref>देखें कोसल, दक्षिण कोसल</ref> </poem>
 
तस्यौरस: सोमसुत: सुतोऽभून्नेत्रोत्सव: सोम इव द्वितीय:।'<ref>देखें कोसल, दक्षिण कोसल</ref> </poem>
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[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]
 
[[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]]
 
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
 
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Revision as of 12:30, 21 August 2011

:'tatogopalakakshan ch sottaranapi kosalanmallanamadhipan chaiv parthik chayayath prabhu:'.

:'samanyadhatrimiv manasan mean sanbhavayatyuttarakosalanamh.'[2]

  • uttarakosal ka raghuvansh[3] mean bhi ullekh hai,

'kausalyityuttar kosalanaan patyu: patanganvayabhooshanasy,
tasyauras: somasut: sutoabhoonnetrotsav: som iv dvitiy:.'[4]



tika tippani aur sandarbh

  1. mahabharat sabha parv 30, 3
  2. raghuvansh 13, 62
  3. raghuvansh 18, 27
  4. dekhean kosal, dakshin kosal

bahari k diyaan

sanbandhit lekh