Difference between revisions of "कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 23"

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{[[तुर्क]] अपने साथ कौन-कौन से [[वाद्य यंत्र]] लाये थे?
 
|type="()"}
 
-[[सितार]] और [[बांसुरी]]
 
+रबाब और [[सारंगी]]
 
-[[वीणा]] और [[तबला]]
 
-[[तानपुरा]] और [[मृदंग]]
 
||[[चित्र:Sarangi.jpg|right|100px|सारंगी]]'सारंगी' शास्त्रीय संगीत का एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जो [[गति]] के शब्दों और अपनी धुन के साथ इस प्रकार से मिलाप करता है कि दोनों की तारतम्यता देखते ही बनती है। [[सारंगी]] मुख्य रूप से गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। इसको 'लहरा' अर्थात अन्य वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी के साथ पेश किया जाता है। [[मुस्लिम]] शासन काल में सारंगी [[नृत्य]] तथा गायन दरबार का प्रमुख [[संगीत]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सारंगी]]
 
 
{निम्न में से कौन 'सेनिया घराने' से सम्बन्धित हैं?
 
|type="()"}
 
-[[हरिप्रसाद चौरसिया]]
 
-[[शिवकुमार शर्मा|पंडित शिवकुमार शर्मा]]
 
+[[अमजद अली ख़ाँ]]
 
-[[उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ]]
 
||[[चित्र:Amjad-ali-khan.jpg|right|120px|अमजद अली ख़ाँ]]'अमजद अली ख़ाँ' का जन्म [[9 अक्तूबर]], [[1945]] को [[ग्वालियर]], ([[मध्य प्रदेश]]) में हुआ था। ये एक प्रसिद्ध सरोद वादक हैं, जो अपनी वंशावली को 'सेनिया घराने' से जोड़ते हैं। [[अमजद अली ख़ाँ]] [[भारत]] के अग्रणी शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हैं। ग्वालियर के शाही परिवार के संगीतकार हाफ़िज अली ख़ां के पुत्र अमजद अली ख़ां प्रसिद्ध बंगश वंशावली की छठी पीढ़ी के हैं, जिसकी जड़ें [[संगीत]] की सेनिया बंगश शैली में हैं। इस शैली की परंपरा को बादशाह [[अकबर]] के अमर दरबारी संगीतकार मियां [[तानसेन]] के समय से जोड़ा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमजद अली ख़ाँ]]
 
 
{[[कत्थक नृत्य]] प्रारम्भ करने के तरीके को क्या कहते हैं?
 
|type="()"}
 
-तत्कार
 
+[[ठाट]]
 
-सलामी
 
-आमद
 
||[[सप्तक]] के 12 [[स्वर (संगीत)|स्वरों]] में से 7 क्रमानुसार मुख्य स्वरों के उस समुदाय को '[[ठाट]]' कहते हैं, जिससे [[राग]] उत्पन्न होते है। स्वर सप्तक, मेल, थाट अथवा ठाट एक ही अर्थवाचक हैं। हिन्दुस्तानी [[संगीत]] पद्धति में आजकल 10 ठाट माने जाते हैं। इन ठाटों से समस्त राग उत्पन्न माने गये हैं। [[आधुनिक काल]] में स्वर्गीय विष्णु नारायण भातखण्डे ने ठाट-पद्धति को प्रचार में लाने की कल्पना की और ठाटों की संख्या को 10 माना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ठाट]]
 
 
{जिस [[जैन]] ग्रंथ में [[तीर्थंकर|तीर्थंकरों]] के जीवन चरित हैं, उसका नाम क्या है?
 
|type="()"}
 
-[[आदि पुराण]]
 
-उवासगदसाओ
 
-[[कल्पसूत्र]]
 
+भगवती सूत्र
 
 
{[[दक्षिण भारत]] के किस राजवंश से [[भरतनाट्यम नृत्य]] सम्बन्धित रहा है?
 
|type="()"}
 
+[[चोल राजवंश|चोल]]
 
-[[चेर वंश|चेर]]
 
-[[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]]
 
-[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]]
 
||चोलों के विषय में प्रथम जानकारी [[पाणिनी]] कृत '[[अष्टाध्यायी]]' से मिलती है। [[चोल वंश]] के विषय में जानकारी के अन्य स्रोत हैं- [[कात्यायन]] कृत 'वार्तिक', '[[महाभारत]]', '[[संगम साहित्य]]', 'पेरिप्लस ऑफ़ दी इरीथ्रियन सी' एवं [[टॉलमी]] का उल्लेख आदि। [[चोल साम्राज्य]] आधुनिक [[कावेरी नदी]] की घाटी, [[कोरोमण्डल मैदान|कोरोमण्डल]], [[त्रिचनापल्ली]] एवं [[तंजौर]] तक विस्तृत था। इस राज्य की कोई एक स्थाई राजधानी नहीं थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल राजवंश|चोल]]
 
 
{[[सरोद]] नामक [[वाद्य यंत्र]] मुख्यत: किस लकड़ी का बना होता है?
 
|type="()"}
 
-सागवान
 
-विजयसाल
 
+पोली
 
-खैर
 
 
{निम्नलिखित में से कौन-सा एकल [[नृत्य]] है?
 
|type="()"}
 
-[[भरतनाट्यम]]
 
-[[कुचिपुड़ी]]
 
-[[कत्थक]]
 
+[[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअट्टम]]
 
||[[चित्र:Mohini-Attam-Dance.jpg|right|100px|मोहिनीअट्टम नृत्य]]'मोहिनीअट्टम' [[केरल]] की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला अर्ध-शास्त्रीय नृत्य है, जो [[कथकली]] से अधिक पुराना माना जाता है। 'मोहिनी' शब्द का अर्थ है- 'एक ऐसी महिला, जो देखने वालों का मन मोह ले या उनमें इच्‍छा उत्‍पन्‍न करे।' यह अनिवार्यत: एकल नृत्‍य है, किन्‍तु वर्तमान समय में इसे समूहों में भी किया जाता है। [[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअटट्म]] की विषय वस्‍तु प्रेम तथा भगवान के प्रति समर्पण है। इस नृत्य की परम्‍परा [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]] के काफ़ी क़्ररीब चलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअट्टम]]
 
 
{[[संगीत]] के किस [[ग्रंथ]] को वैदिक संगीत का व्याकरण माना जाता है?
 
|type="()"}
 
+नारदीय शिक्षा
 
-पाणिनी शिक्षा
 
-संगीत मकरन्द
 
-[[नाट्यशास्त्र]]
 
 
{नटवरी नृत्य किस [[शास्त्रीय नृत्य]] को कहा जाता है?
 
|type="()"}
 
+[[कत्थक]]
 
-[[भरतनाट्यम]]
 
-[[कुचिपुड़ी]]
 
-[[मोहिनीअट्टम नृत्य|मोहिनीअट्टम]]
 
||[[चित्र:Kathak-Dance.jpg|right|100px|कत्थक नृत्य]]'कत्थक नृत्य' की शैली का जन्‍म [[ब्राह्मण]] [[पुरोहित|पुरोहितों]] द्वारा [[हिन्दू|हिन्‍दुओं]] की पारम्‍परिक पुन: गणना में निहित है, जिन्‍हें 'क‍थिक' कहते थे, जो नाटकीय अंदाज में हाव-भावों का उपयोग करते थे। क्रमश: इसमें कथा कहने की शैली और अधिक विकसित हुई, जिससे यह एक [[नृत्य]] रूप बन गया। इस नृत्य को 'नटवरी नृत्य' के नाम से भी जाना जाता है। [[उत्तर भारत]] में [[मुग़ल|मुग़लों]] के आने पर इस नृत्‍य को शाही दरबार में ले जाया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कत्थक]]
 
 
{भगवान [[जगन्नाथ मंदिर पुरी|जगन्नाथ]] को कौन-सा [[नृत्य]] समर्पित किया गया है?
 
|type="()"}
 
-[[कुचिपुड़ी]]
 
-[[कथकली]]
 
+[[ओडिसी]]
 
-[[कत्थक]]
 
||[[चित्र:Odissi-Dance-7.jpg|right|100px|ओडिसी नृत्य]]'ओडिसी नृत्य' को पुरातात्विक साक्ष्‍यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित [[शास्त्रीय नृत्य]] रूपों में से एक माना जाता है। [[उड़ीसा]] राज्य के पारम्‍परिक [[नृत्य|नृत्‍य]], [[ओडिसी नृत्य|ओडिसी]] का जन्‍म मंदिर में नृत्‍य करने वाली देवदासियों के नृत्‍य से हुआ था। ओडिसी नृत्‍य में [[श्रीकृष्ण]] के भगवान [[विष्णु]] के आठवें [[अवतार]] के बारे में कथाएँ बताई जाती हैं। इस नृत्य में सर्वाधिक लोकप्रिय [[देवता]] भगवान [[जगन्नाथ मंदिर पुरी|जगन्नाथ]] की महिमा का गान किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ओडिसी]]
 
 
 
{[[मणिपुरी नृत्य]] किस [[धर्म]] से सम्बन्धित है?
 
{[[मणिपुरी नृत्य]] किस [[धर्म]] से सम्बन्धित है?
 
|type="()"}
 
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-फ़सल के पकने पर यह नृत्य किया जाता है
 
-फ़सल के पकने पर यह नृत्य किया जाता है
  
{निम्नलिखित में से किसने कभी संन्यास ग्रहण नहीं किया?
+
{निम्नलिखित में से किसने कभी सन्न्यास ग्रहण नहीं किया?
 
|type="()"}
 
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-[[चैतन्य महाप्रभु|चैतन्य]]
 
-[[चैतन्य महाप्रभु|चैतन्य]]
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-बाबा फ़रीद
 
-बाबा फ़रीद
-[[निज़ामुद्दीन दरगाह|निज़ामुद्दीन औलिया]]
+
-[[निज़ामुद्दीन औलिया]]
 
-अमीर खुर्द
 
-अमीर खुर्द
 
+[[अमीर ख़ुसरो]]
 
+[[अमीर ख़ुसरो]]

Latest revision as of 12:17, 1 February 2017

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band kala praangan, kala kosh, sanskriti praangan, sanskriti kosh, dharm praangan, dharm kosh

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1 manipuri nrity kis dharm se sambandhit hai?

jain
vaishnav
bauddh
shaiv

2 durgamata ki aradhana hetu garaba namak lok nrity kis rajy mean prachalit hai?

gujarat
panjab
bihar
rajasthan

3 prasiddh lok nrity 'bhaang da' se sambandhit kaun-sa tathy asaty hai?

yah panjab ka lok nrity hai
yah purush pradhan samoohik nrity hai
yah gujarat mean bhi prachalit hai
fasal ke pakane par yah nrity kiya jata hai

4 nimnalikhit mean se kisane kabhi sannyas grahan nahian kiya?

chaitany
vallabhachary
ramanuj
jnaneshvar

5 kis soofi ne bharat ko 'prithvi ka svarg' kaha?

baba farid
nizamuddin auliya
amir khurd
amir khusaro

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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan