आँखें चार होना
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आँखें चार होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- किसी से भेंट-मुलाकात या आमना सामना होना, नजरों से नजरें मिलना।
प्रयोग-
- गली की नुक्कड़ पर मोहन बाबू से आँखें चार होगी। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)
- वे कनखियों से एक दूसरे की ओर देखते थे और आँखें चार होते ही एक दूसरे देखकर लज्जा से आँखें नीची कर लेते थे। - (सीताराम चतुर्वेदी)
- एक बार आँखों चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - (शिवानी)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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