ज़बान को मुँह में रखना
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ज़बान को मुँह में रखना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- चुप रहना या चुप हो जाना।
प्रयोग- उसने ज़बान को तो मुँह में रख लिया, मगर तमतमाए हुए चेहरे की एक एक शिरा नंगी तलवार-सी उठ खड़ी थी।(राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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