चढ़ती उमर
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चढ़ती उमर एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो।
प्रयोग- एक तो वह भिखमंगी सी दिखती थी, और दूसरे वह चढ़ती उमर की थी, इसलिए उसके पास बैठने में संकोच हुआ। (श्रवण कुमार)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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