जरारवाड़ी

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जरारवाड़ी गुजरात के कच्छ में स्थित एक गाँव है। इस गाँव की आबादी अधिक नहीं है। बस कुछ ही परिवार यहाँ रहते हैं। कच्छ के इस इलाके में पहले कभी शानदार चारागाह हुआ करता था। यहाँ के निवासियों को उनकी वेशभूषा और कद-काठी से आसानी से पहचाना जा सकता है।

  • गुजरात के कच्छ का नाम सुनते ही मन में 'रण' यानी रेगिस्तान का चित्र उभर आता है। कच्छ के नक्शे को यदि उल्टा करके रखा जाए तो उसकी आकृति कछुए की तरह दिखाई देती है। इसी कारण इसे कच्छ की संज्ञा दे दी गयी।
  • जरारवाड़ी कच्छ का ही एक छोटा-सा गाँव है। यहाँ कुछ 25 परिवारों का ही निवास है।
  • होड़का पंचायत के इस गाँव में पठान समुदाय के परिवार रहते हैं।
  • मूलतः कच्छ के मुसलमान भैंस पालने का काम करने वाला खानाबदोश समुदाय है और चार शताब्दियों पहले ये अरबस्तान और सिंध से घास और पानी की तलाश करते-करते यहाँ आ पहुँचे थे।
  • एक समय पर जरारवाड़ी में एशिया का सबसे उपयोगी और शानदार चारागाह होता था, जो 'बन्नी चारागाह' के नाम से जाना जाता था।
  • जरारवाड़ी के निवासियों को उनका लंबा कद, लंबी और नुकीली नाक और पूरे शरीर को ढंकने वाले पठानी सूट से पहचाना जा सकता है। गले में सैनिकों वाला मफलर भी अकसर दिखाई दे जाता है।


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