कुछ धरा न होना
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कुछ धरा न होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- सार से रहित होना, बेदम होना।
प्रयोग- उसकी सारी सेना को एक कनखी से देखकर निडर कार्तिकेय ने समझ लिया कि इस सेना में कुछ धरा नहीं है। (सीताराम चतुर्वेदी)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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