संतौला देवी मंदिर देहरादून: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 2: Line 2:
*देहरादून से लगभग 15 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध संतौला देवी मंदिर है।  
*देहरादून से लगभग 15 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध संतौला देवी मंदिर है।  
*संतौला देवी मंदिर लोगों के विश्वास का प्रतीक है
*संतौला देवी मंदिर लोगों के विश्वास का प्रतीक है
*संतौला देवी मंदिर का बहुत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है।
*संतौला देवी मंदिर का बहुत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व है।
*इसे शांतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।  
*इसे शांतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।  
*माना जाता है कि जब शांतला देवी को यह एहसास हुआ कि वे मुग़लों का सामना नहीं कर पाएँगी तो उन्होंने हथियार छोड़ कर ईश्वर की पूजा की। उसी समय चारों ओर दिव्य प्रकाश फैला और वे पत्थर की मूर्ति में बदल गयी।
*माना जाता है कि जब शांतला देवी को यह एहसास हुआ कि वे मुग़लों का सामना नहीं कर पाएँगी तो उन्होंने हथियार छोड़ कर ईश्वर की पूजा की। उसी समय चारों ओर दिव्य प्रकाश फैला और वे पत्थर की मूर्ति में बदल गयी।
*संतौला देवी मंदिर क़िले के बाहर बना हुआ है।  
*संतौला देवी मंदिर क़िले के बाहर बना हुआ है।  
*कहा जाता है कि शांतला देवी के मूर्ति में बदलने की घटना शनिवार को हुई थी।  
*कहा जाता है कि शांतला देवी के मूर्ति में बदलने की घटना शनिवार को हुई थी।  
*मंदिर पहुँचने के लिए पंजाबीवाला से 2 किमी. पैदल चलना होता है।
*मंदिर पहुँचने के लिए पंजाबीवाला से 2 किलोमीटर पैदल चलना होता है।
==सम्बंधित लिंक==
{{प्रचार}}
==संबंधित लेख==
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}
{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}}



Latest revision as of 08:32, 14 June 2011

  • देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी व उत्तरी भारत के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल राज्य में स्थित देहरादून में संतौला देवी मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल में से है।
  • देहरादून से लगभग 15 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध संतौला देवी मंदिर है।
  • संतौला देवी मंदिर लोगों के विश्वास का प्रतीक है
  • संतौला देवी मंदिर का बहुत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व है।
  • इसे शांतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
  • माना जाता है कि जब शांतला देवी को यह एहसास हुआ कि वे मुग़लों का सामना नहीं कर पाएँगी तो उन्होंने हथियार छोड़ कर ईश्वर की पूजा की। उसी समय चारों ओर दिव्य प्रकाश फैला और वे पत्थर की मूर्ति में बदल गयी।
  • संतौला देवी मंदिर क़िले के बाहर बना हुआ है।
  • कहा जाता है कि शांतला देवी के मूर्ति में बदलने की घटना शनिवार को हुई थी।
  • मंदिर पहुँचने के लिए पंजाबीवाला से 2 किलोमीटर पैदल चलना होता है।

संबंधित लेख