उत्तराखण्ड की संस्कृति: Difference between revisions
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[[उत्तराखण्ड]] राज्य के अधिकांश त्योहार और अवकाश [[हिन्दू]] [[पंचांग]] पर आधारित हैं। उत्तराखण्ड के कुछ | [[उत्तराखण्ड]] राज्य के अधिकांश त्योहार और अवकाश [[हिन्दू]] [[पंचांग]] पर आधारित हैं। उत्तराखण्ड के कुछ महत्त्वपूर्ण हिन्दू त्योहारों और अवकाशों में बुराई के प्रतीक [[रावण]] पर [[राम]] की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला [[दशहरा]]; धन की देवी [[लक्ष्मी]] को समर्पित [[दीपावली]]; भगवान [[शिव]] की आराधना का दिन [[शिवरात्रि]]; रंगों का त्योहार [[होली]] और भगवान [[कृष्ण]] के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाने वाली [[जन्माष्टमी]] शामिल हैं। अल-हुसैन बिन अली का शहीदी दिवस [[मुहर्रम]]; उपवास (रोज़े) रखने का महीना [[रमज़ान]]; और धर्म वैधानिक त्योहार [[ईद]] राज्य में मनाए जाने वाले मुसलमानों के कुछ प्रमुख त्योहारों में से हैं। [[बुद्ध पूर्णिमा]], [[महावीर जयंती]], [[गुरु नानक जयंती]] और क्रिसमस [[बौद्ध|बौद्धों]], [[जैन|जैनों]], [[सिक्ख|सिक्खों]] और ईसाईयों के महत्त्वपूर्ण त्योहार हैं, लेकिन हर जाति-धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाते हैं। इनके अलावा गाँव-विशेष में मनाए जाने वाले छोटे-छोटे त्योहार भी हैं। राज्य में हर साल सैकड़ों मेले भी लगते हैं। | ||
*विश्व प्रसिद्ध [[कुंभ]] मेला/अर्द्ध कुंभ मेला [[हरिद्वार]] में प्रति बारहवें/छठे वर्ष के अंतराल में मनाया जाता है। | *विश्व प्रसिद्ध [[कुंभ]] मेला/अर्द्ध कुंभ मेला [[हरिद्वार]] में प्रति बारहवें/छठे वर्ष के अंतराल में मनाया जाता है। | ||
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उत्तराखण्ड राज्य के अधिकांश त्योहार और अवकाश हिन्दू पंचांग पर आधारित हैं। उत्तराखण्ड के कुछ महत्त्वपूर्ण हिन्दू त्योहारों और अवकाशों में बुराई के प्रतीक रावण पर राम की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला दशहरा; धन की देवी लक्ष्मी को समर्पित दीपावली; भगवान शिव की आराधना का दिन शिवरात्रि; रंगों का त्योहार होली और भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाने वाली जन्माष्टमी शामिल हैं। अल-हुसैन बिन अली का शहीदी दिवस मुहर्रम; उपवास (रोज़े) रखने का महीना रमज़ान; और धर्म वैधानिक त्योहार ईद राज्य में मनाए जाने वाले मुसलमानों के कुछ प्रमुख त्योहारों में से हैं। बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती और क्रिसमस बौद्धों, जैनों, सिक्खों और ईसाईयों के महत्त्वपूर्ण त्योहार हैं, लेकिन हर जाति-धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाते हैं। इनके अलावा गाँव-विशेष में मनाए जाने वाले छोटे-छोटे त्योहार भी हैं। राज्य में हर साल सैकड़ों मेले भी लगते हैं।
- विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला/अर्द्ध कुंभ मेला हरिद्वार में प्रति बारहवें/छठे वर्ष के अंतराल में मनाया जाता है।
- अन्य प्रमुख मेले/त्योहार हैं-
[[चित्र:Ram-Jhula-Bridge.jpg|thumb|right|राम झूला, ऋषिकेश
Ram Jhula, Rishikesh]]
- देवीधुरा मेला (चंपावत),
- पूर्णागिरि मेला (चंपावत),
- नंदा देवी मेला (अल्मोड़ा),
- गौचर मेला (चमोली),
- वैशाखी (उत्तरकाशी),
- माघ मेला (उत्तरकाशी),
- उत्तरायणी मेला (बागेश्वर),
- विशु मेला (जौनसार बावर),
- पीरान कलियार (रूड़की), और
- नंदा देवी राज जात यात्रा हर बारहवें वर्ष होती है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख