तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 4: Line 4:
1950 से कृषि पद्धति में अत्यधिक सुधार आया है। बहु-फ़सल प्रणाली, [[चावल]], [[कपास]], चीनी और [[ज्वार]]-[[बाजरा]] की नई व बेहतर क़िस्मों का प्रयोग तथा रासायनिक उर्वरक के उपयोग को विस्तृत रूप से अपनाया गया है। [[1967]] तक राज्य खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था। चावल, [[मूँगफली]], [[कपास]], [[मिर्च]], [[केला]], कॉफ़ी, [[चाय]], [[रबर]] और [[गन्ना]] महत्त्वपूर्ण नक़दी फ़सलें हैं।  
1950 से कृषि पद्धति में अत्यधिक सुधार आया है। बहु-फ़सल प्रणाली, [[चावल]], [[कपास]], चीनी और [[ज्वार]]-[[बाजरा]] की नई व बेहतर क़िस्मों का प्रयोग तथा रासायनिक उर्वरक के उपयोग को विस्तृत रूप से अपनाया गया है। [[1967]] तक राज्य खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था। चावल, [[मूँगफली]], [[कपास]], [[मिर्च]], [[केला]], कॉफ़ी, [[चाय]], [[रबर]] और [[गन्ना]] महत्त्वपूर्ण नक़दी फ़सलें हैं।  
====उद्योग====  
====उद्योग====  
विकसित बंदरगाह सुविधाएँ और बिजली के प्रभावशाली उपयोग ने राज्य के औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु [[भारत]] के सर्वाधिक औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु भारत के सर्वाधिक औद्योगिक राज्यों में से एक है। चूना-पत्थर, बॉक्साइट, जिप्सम लिग्नाइट, मैग्नेसाइट और [[लौह अयस्क]] महत्त्वपूर्ण [[खनिज]] हैं। कपास की ओटाई, कताई और बुनाई हमेशा से प्रमुख उद्योग रहे हैं। इसके बाद वाहन, मोटर साइकिल, ट्रांसफ़ॉर्मर, चीनी, कृषि उपकरण, उर्वरक, सीमेंट, [[काग़ज़]], रसायन और [[विद्युत मोटर]] के उत्पादन से जुड़े उद्योग आते हैं। पेरंबूर स्थित रेलगाड़ी के डिब्बे बनाने का कारख़ाना [[एशिया]] के सबसे बड़े कारख़ानों में से एक है। [[चेन्नई]] के निकट आवडि में स्थित भारी वाहन के कारख़ाने में तोपों का निर्माण होता है। चेन्नई में एक तेल परिशोधनशाला और नेवेली में एक तापविद्युत संयंत्र है, ये दोनों सरकारी उपक्रम हैं। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में [[केरल]] के बाद तमिलनाडु दूसरे स्थान पर आता है। तमिलनाडु हस्तशिल्प कला में समृद्ध है, जिसमें हथकरघे का रेशम, धातु की मूर्तियाँ चमड़े का काम, क़लमकारी (हाथ से छपाई किए [[वस्त्र]], जिनमें प्राकृतिक [[रंग|रंगों]] का उपयोग होता है), [[ताँबा]], पीतल और काँसे की वस्तुएँ, लकड़ी का काम, [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|ताड़पत्र]] का काम और बेंत का सामान प्रमुख है।
विकसित बंदरगाह सुविधाएँ और बिजली के प्रभावशाली उपयोग ने राज्य के औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु [[भारत]] के सर्वाधिक औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु भारत के सर्वाधिक औद्योगिक राज्यों में से एक है। चूना-पत्थर, [[बॉक्साइट]], [[जिप्सम]], लिग्नाइट, [[मैग्नेसाइट]] और [[लौह अयस्क]] महत्त्वपूर्ण [[खनिज]] हैं। [[कपास]] की ओटाई, कताई और बुनाई हमेशा से प्रमुख उद्योग रहे हैं। इसके बाद वाहन, मोटर साइकिल, ट्रांसफ़ॉर्मर, चीनी, कृषि उपकरण, उर्वरक, सीमेंट, [[काग़ज़]], रसायन और [[विद्युत मोटर]] के उत्पादन से जुड़े उद्योग आते हैं। पेरंबूर स्थित रेलगाड़ी के डिब्बे बनाने का कारख़ाना [[एशिया]] के सबसे बड़े कारख़ानों में से एक है। [[चेन्नई]] के निकट आवडि में स्थित भारी वाहन के कारख़ाने में तोपों का निर्माण होता है। चेन्नई में एक तेल परिशोधनशाला और नेवेली में एक तापविद्युत संयंत्र है, ये दोनों सरकारी उपक्रम हैं। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में [[केरल]] के बाद तमिलनाडु दूसरे स्थान पर आता है। तमिलनाडु हस्तशिल्प कला में समृद्ध है, जिसमें हथकरघे का रेशम, धातु की मूर्तियाँ चमड़े का काम, क़लमकारी (हाथ से छपाई किए [[वस्त्र]], जिनमें प्राकृतिक [[रंग|रंगों]] का उपयोग होता है), [[ताँबा]], पीतल और काँसे की वस्तुएँ, लकड़ी का काम, [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|ताड़पत्र]] का काम और बेंत का सामान प्रमुख है।


====परिवहन====
====परिवहन====

Latest revision as of 07:17, 29 April 2012

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

तमिलनाडु की ग्रामीण जनसंख्या के लगभग तीन-चौथाई हिस्से के जीवन का आधार कृषि है। आरंभिक काल से ही तमिल किसानों ने कम मात्रा में होने वाले वर्षा जल को छोटे और बड़े सिंचाई जलाशयों या तालाबों में कुशलतापूर्वक संरक्षित किया है। सरकारी नहर, नलकूप और कुएँ भी सिंचाई प्रणाली का हिस्सा हैं। चूँकि विभिन्न नदी घाटी परियोजनाएँ पानी के लिए अन अनियमित पूर्वोत्तर मानसून पर निर्भर हैं, इसलिए प्रशासन भूमिगत जल स्रोतों के अधिकतम उपयोग का प्रयास कर रहा है।

कृषि पद्धति

1950 से कृषि पद्धति में अत्यधिक सुधार आया है। बहु-फ़सल प्रणाली, चावल, कपास, चीनी और ज्वार-बाजरा की नई व बेहतर क़िस्मों का प्रयोग तथा रासायनिक उर्वरक के उपयोग को विस्तृत रूप से अपनाया गया है। 1967 तक राज्य खाद्यान्न के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था। चावल, मूँगफली, कपास, मिर्च, केला, कॉफ़ी, चाय, रबर और गन्ना महत्त्वपूर्ण नक़दी फ़सलें हैं।

उद्योग

विकसित बंदरगाह सुविधाएँ और बिजली के प्रभावशाली उपयोग ने राज्य के औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु भारत के सर्वाधिक औद्योगिक विकास को सहयोग दिया है। तमिलनाडु भारत के सर्वाधिक औद्योगिक राज्यों में से एक है। चूना-पत्थर, बॉक्साइट, जिप्सम, लिग्नाइट, मैग्नेसाइट और लौह अयस्क महत्त्वपूर्ण खनिज हैं। कपास की ओटाई, कताई और बुनाई हमेशा से प्रमुख उद्योग रहे हैं। इसके बाद वाहन, मोटर साइकिल, ट्रांसफ़ॉर्मर, चीनी, कृषि उपकरण, उर्वरक, सीमेंट, काग़ज़, रसायन और विद्युत मोटर के उत्पादन से जुड़े उद्योग आते हैं। पेरंबूर स्थित रेलगाड़ी के डिब्बे बनाने का कारख़ाना एशिया के सबसे बड़े कारख़ानों में से एक है। चेन्नई के निकट आवडि में स्थित भारी वाहन के कारख़ाने में तोपों का निर्माण होता है। चेन्नई में एक तेल परिशोधनशाला और नेवेली में एक तापविद्युत संयंत्र है, ये दोनों सरकारी उपक्रम हैं। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में केरल के बाद तमिलनाडु दूसरे स्थान पर आता है। तमिलनाडु हस्तशिल्प कला में समृद्ध है, जिसमें हथकरघे का रेशम, धातु की मूर्तियाँ चमड़े का काम, क़लमकारी (हाथ से छपाई किए वस्त्र, जिनमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है), ताँबा, पीतल और काँसे की वस्तुएँ, लकड़ी का काम, ताड़पत्र का काम और बेंत का सामान प्रमुख है।

परिवहन

दक्षिण भारतीय राज्यों की परिवहन प्रणाली चेन्नई में केंद्रित है। तमिलनाडु से कई रेल गाड़ियाँ चलती हैं। चेन्नई के निर्मित बंदरगाह से समुद्री यातायात संचालित होता है। इसके समीप स्थित मीनंबाक्कम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अलावा तीन और हवाई अड्डे क्रमशः तिरुचिराप्पल्ली, मदुरै और कोयंबत्तूर में हैं। यहाँ वाहनों के योग्य सड़कों का संजाल है। यात्री-बस परिवहन को राष्ट्रीकृत किया जा रहा है, द्रुत एक्सप्रेस बसें यात्रियों को सभी महत्त्वपूर्ण शहरों और दर्शनीय स्थलों तक ले जाती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख