हंस पर्वत: Difference between revisions
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
* ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1005| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
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चित्र:Disamb2.jpg हंस | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- हंस (बहुविकल्पी) |
हंस पर्वत विष्णुपुराण के अनुसार मेरु पर्वत के उत्तर की ओर स्थित है-
'शंख कूठोऽष ऋषभो हंसो नागस्तयापरः, कालंजाद्याश्चतथा उत्तरे केसराचलाः’[1]
- विष्णुपुराण में ही जठर देश का उल्लेख हुआ है, जहाँ कहा गया है कि-
'मेरोरनन्तरांगेषु जठरादिष्ववस्थिता: शंखकूटाऽथ ऋषभो हंसो नागस्तथापर: कालंजाद्याश्च तथा उत्तरकेसराचला:'
अर्थात "मेरु के अति समीप और जठर आदि देशों में स्थित शंखकूट, ऋषभ, हंस, नाग और कलंज आदि पर्वत उत्तर दिशा के केसरांचल हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली से पेज संख्या 1005| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ विष्णुपुराण 2,2,29.