सलहेरि: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''सलहेरि''' [[ | '''सलहेरि''' [[महाराष्ट्र]] के [[नासिक ज़िला|नासिक ज़िले]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान था। सलहेरि के क़िले को [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] के प्रधान सेनापति मोरो पंत ने 1671 ई. में जीत लिया था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=943|url=}}</ref> | ||
*सन 1672 में [[दिल्ली]] के सेनापति [[दिलेर ख़ाँ|दिलेर ख़ाँ]] ने सलहेरि को घेर लिया और [[मराठा]] तथा [[मुग़ल]] सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ। | *सन 1672 में [[दिल्ली]] के सेनापति [[दिलेर ख़ाँ|दिलेर ख़ाँ]] ने सलहेरि को घेर लिया और [[मराठा]] तथा [[मुग़ल]] सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ। | ||
*सलहेरि के युद्ध में मुग़ल सेना की बुरी तरह से हार हुई और वह तितर-बितर हो गई। | *सलहेरि के युद्ध में मुग़ल सेना की बुरी तरह से हार हुई और वह तितर-बितर हो गई। | ||
*मुग़लों के मुख्य सेनानायकों में से 22 मारे गये और अनेक बंदी हुए। | *मुग़लों के मुख्य सेनानायकों में से 22 मारे गये और अनेक बंदी हुए। | ||
*युद्ध में पराजय के कारण [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] ने शाहज़ादा मुअज्जम और [[महावत ख़ाँ|महावत ख़ाँ]] के स्थान पर बहादुर ख़ाँ को [[शिवाजी]] के विरुद्ध भेजा। | |||
*बहादुर ख़ाँ को मराठों से लड़ने का साहस ही नहीं होता था, अत: उसने [[भीमा नदी]] के तट पर भेड़ गाँव में अपनी छावनी बनाकर [[बहादुरगढ़ (महाराष्ट्र)|बहादुरगढ़]] के क़िले का निर्माण करवाया। | |||
*[[भूषण|महाकवि भूषण]] ने 'शिवराज भूषण' में कई स्थानों पर इस युद्ध का उल्लेख किया है- | *[[भूषण|महाकवि भूषण]] ने 'शिवराज भूषण' में कई स्थानों पर इस युद्ध का उल्लेख किया है- | ||
Line 17: | Line 19: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ | {{महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category: | [[Category:महाराष्ट्र]][[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:महाराष्ट्र का इतिहास]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:49, 2 October 2014
सलहेरि महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान था। सलहेरि के क़िले को छत्रपति शिवाजी के प्रधान सेनापति मोरो पंत ने 1671 ई. में जीत लिया था।[1]
- सन 1672 में दिल्ली के सेनापति दिलेर ख़ाँ ने सलहेरि को घेर लिया और मराठा तथा मुग़ल सेनाओं में भयंकर युद्ध हुआ।
- सलहेरि के युद्ध में मुग़ल सेना की बुरी तरह से हार हुई और वह तितर-बितर हो गई।
- मुग़लों के मुख्य सेनानायकों में से 22 मारे गये और अनेक बंदी हुए।
- युद्ध में पराजय के कारण बादशाह औरंगज़ेब ने शाहज़ादा मुअज्जम और महावत ख़ाँ के स्थान पर बहादुर ख़ाँ को शिवाजी के विरुद्ध भेजा।
- बहादुर ख़ाँ को मराठों से लड़ने का साहस ही नहीं होता था, अत: उसने भीमा नदी के तट पर भेड़ गाँव में अपनी छावनी बनाकर बहादुरगढ़ के क़िले का निर्माण करवाया।
- महाकवि भूषण ने 'शिवराज भूषण' में कई स्थानों पर इस युद्ध का उल्लेख किया है-
'साहितनै सरजा खुमान सलहेरियास किन्ही कुरुखेत खीझि मीर अचलनसी।'[2]
- इसी युद्ध में मुग़लों की ओर से लड़ने वाला अमरसिंह चंदावत भी मारा गया था, जिसका उल्लेख उपर्युक्त छन्द में इस प्रकार है-
'अमर के नाम के बहाने गो अमनपुर, चंदावत लरि सिवराज के बलन सों।'
|
|
|
|
|