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* हीरे को [[संस्कृत भाषा]] में वज्र, अर्क, हीरक, अभेद्य और विद्युत कहा जाता है।
* हीरे को [[संस्कृत भाषा]] में वज्र, अर्क, हीरक, अभेद्य और विद्युत कहा जाता है।
== प्राप्ति स्थान ==
== प्राप्ति स्थान ==
[[मध्य प्रदेश]] हीरा [[उत्खनन]] की दृष्टि से भारत का सबसे प्रमुख राज्य है। यहाँ [[पन्ना ज़िला|पन्ना ज़िले]] में [[पन्ना]], [[सतना ज़िला|सतना ज़िले]] में सझगाँव तथा हीनोता एवं [[छतरपुर ज़िला|छतरपुर ज़िले]] में अंगौर हीरे की प्रसिद्ध खानें हैं। यह हीरा क्षेत्र लगभग 100 किमी लम्बाई तथा 16 किमी की चौड़ाई में फैला है। प्री-कैम्ब्रियन काल की जीवाश्म रहित विन्ध्यन शैलों की नसों में मिलने वाला यहाँ का हीरा काफी मूल्यवान माना जाता है। मध्य प्रदेश में ही पन्ना ज़िले की भागने नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों में रामखेरिया नामक स्थान पर धरातल के समीप ही हीरों की प्राप्ति होती है।
[[मध्य प्रदेश]] हीरा [[उत्खनन]] की दृष्टि से भारत का सबसे प्रमुख राज्य है। यहाँ [[पन्ना ज़िला|पन्ना ज़िले]] में [[पन्ना]], [[सतना ज़िला|सतना ज़िले]] में सझगाँव तथा हीनोता एवं [[छतरपुर ज़िला|छतरपुर ज़िले]] में अंगौर हीरे की प्रसिद्ध खानें हैं। यह हीरा क्षेत्र लगभग 100 किमी लम्बाई तथा 16 किमी की चौड़ाई में फैला है। प्री-कैम्ब्रियन काल की जीवाश्म रहित विन्ध्यन शैलों की नसों में मिलने वाला यहाँ का हीरा काफ़ी मूल्यवान माना जाता है। मध्य प्रदेश में ही पन्ना ज़िले की भागने नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों में रामखेरिया नामक स्थान पर धरातल के समीप ही हीरों की प्राप्ति होती है।


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हीरा (वज्र क्पंउवदक) एक अत्यन्त मूल्यवान खनिज है जो कार्बन का सबसे शुद्ध एवं प्रकृति का सबसे कठोर तत्व माना जाता है। यह कार्बन का अपरूप है। भारत का नाम अत्यन्त प्राचीन काल से ही हीरे के लिए विश्व प्रसिद्ध रहा है। प्राचीन काल में ही गोलकुण्डा की खान से निकाला गया कोहिनूर हीरा सदियों तक आकर्षण का केन्द्र बना रहा।

नव रत्नों में हीरा

नव रत्न में हीरा भी होता है और इसे नौ रत्नों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है। हीरा एक प्रकार का बहुमूल्य रत्न है जो बहुत चमकदार और बहुत कठोर होता है। हीरा रत्न अत्यन्त महंगा व दिखने में सुन्दर होता है। यह भी कई रंगों में पाया जाता है, जैसे- सफ़ेद, पीला, गुलाबी, नीला, लाल, काला आदि। सफ़ेद हीरा सर्वोत्तम है और हीरा सभी प्रकार के रत्नों में श्रेष्ठ है। हीरे को हीरे के कणों के द्वारा पॉलिश करके ख़ूबसूरत बनाया जाता है।[1]

हीरे के अन्य नाम

प्राप्ति स्थान

मध्य प्रदेश हीरा उत्खनन की दृष्टि से भारत का सबसे प्रमुख राज्य है। यहाँ पन्ना ज़िले में पन्ना, सतना ज़िले में सझगाँव तथा हीनोता एवं छतरपुर ज़िले में अंगौर हीरे की प्रसिद्ध खानें हैं। यह हीरा क्षेत्र लगभग 100 किमी लम्बाई तथा 16 किमी की चौड़ाई में फैला है। प्री-कैम्ब्रियन काल की जीवाश्म रहित विन्ध्यन शैलों की नसों में मिलने वाला यहाँ का हीरा काफ़ी मूल्यवान माना जाता है। मध्य प्रदेश में ही पन्ना ज़िले की भागने नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों में रामखेरिया नामक स्थान पर धरातल के समीप ही हीरों की प्राप्ति होती है।

आन्ध्र प्रदेश के कडपा, अनन्तपुर, कुरनूल, कृष्णा एवं गोदावरी ज़िलों में उत्खनन द्वारा हीरे प्राप्त किये जाते हैं। इन ज़िलों में नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी जलोढ़ मिट्टियों एवं बजरी में भी हीरे मिलते हैं। महानदी घाटी में भी संबलपुर तथा चन्द्रपुर ज़िले हीरा प्राप्ति के केन्द्र माने जाते हैं। मुम्बई हीरे की सबसे बड़ी मण्डी है। यहाँ पर हीरे की कटाई होती है। देश में 11 लाख कैरेट के प्रतिलक्ष्य भंडारों के अलावा 26 लाख 50 हज़ार केरेट के प्रतिबधत स्रोत हैं। 2006-07 के दौरान देश में कुल 2769 कैरेट हीरों का उत्पादन हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हीरा है शुक्र का रत्न (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 19 जुलाई, 2010।

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