पुरातत्वीय संग्रहालय, कोंडापुर: Difference between revisions

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पुरातत्वीय संग्रहालय, कोंडापुर
विवरण इस संग्रहालय में प्रदर्शित अधिकतर वस्‍तुएं संग्रहालय के पूर्व में एक किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित एक प्राचीन टीले से प्राप्‍त की गई हैं जिसे कोटागड्डा (फोर्ट माउण्‍ड) के नाम से जाना जाता है।
राज्य आन्ध्र प्रदेश
नगर कोंडापुर
स्थापना लगभग 1940
अन्य जानकारी सर्वप्रथम इस स्‍थान को 19वीं शताब्‍दी के आरंभिक वर्षों में प्रसिद्ध पुरातत्‍वविद् हेनरी कॉसन्‍स द्वारा खोजा गया था।

पुरातत्वीय संग्रहालय, कोंडापुर आन्ध्र प्रदेश के मेदक ज़िले के कोंडापुर (अक्षांश 17.33' उत्‍तर 78.1' पूर्व) के दक्षिण में लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर एक छोटी पहाड़ी पर स्‍थित है। इस संग्रहालय में प्रदर्शित अधिकतर वस्‍तुएं संग्रहालय के पूर्व में एक किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित एक प्राचीन टीले से प्राप्‍त की गई हैं जिसे कोटागड्डा (फोर्ट माउण्‍ड) के नाम से जाना जाता है।

विशेषताएँ

  • सर्वप्रथम इस स्‍थान को 19वीं शताब्‍दी के आरंभिक वर्षों में प्रसिद्ध पुरातत्‍वविद् हेनरी कॉसन्‍स द्वारा खोजा गया था। तदनन्‍तर, हैदराबाद के महामहिम निजाम के अधीन भूतपूर्व हैदराबाद राज्‍य के पुरातत्‍वीय विभाग ने 1940 से कई महीनों तक इस टीले की खुदाई की। इस प्राचीन स्‍थल पर ही खुदाई से प्राप्‍त वस्‍तुओं से एक छोटे संग्रहालय की स्‍थापना की गई जिसे बाद में वर्तमान भवन में स्‍थानान्‍तरित कर दिया गया।
  • 1952 में यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍वीय सर्वेक्षण के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया।
  • पुरातत्‍वीय संग्रहालय, कोंडापुर में 1940-1942 की खुदाइयों से प्राप्‍त लघु पुरावस्तुओं का एक समृद्ध संग्रह है। संग्रहालय में एक केन्‍द्रीय कक्ष और बन्‍द गलियारों में दो और दीर्घाएं हैं।
  • मुख्‍य कक्ष में दीवार में बनी हुई प्रदर्शन मंजूषाओं में बड़ी संख्‍या में पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित हैं जो प्रारंभिक ऐतिहासिक काल की भौतिक संस्‍कृति के विभिन्‍न पहलुओं का प्रतिनिधित्‍व करती हैं जैसे कि मिट्टी के बर्तन, टेराकोटा की लघु मूर्तियाँ, हड्डी और सीप की वस्‍तुएं, धातु की वस्‍तुएं, ताबीज, लटकन, मणिकाएं, अभिलेखों वाले बर्तन तथा सिक्‍के आदि, खपरैल, घिसाई के पत्‍थर, ढलवां ईटें और डिजाइन वाले पैनल।
  • अन्‍य दीर्घाओं में प्रागैतिहासिक औज़ार तथा जीवाश्म प्रदर्शित किए गए हैं। इन वस्‍तुओं के अलावा मूर्तियों का एक जोड़ा, एक बुद्धपद, दरवाजे के बाजू पर उकेरी हुई चार हाथों वाले विष्णु की मूर्ति, दो नक्‍काशीदार मर्तबान दीर्घा में प्रदर्शित अन्‍य आकर्षक वस्‍तुएं हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालय-कोंडापुर (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 15 जनवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

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