अवशोषण: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Absorption) | ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Absorption) इस लेख में [[मानव शरीर]] से संबंधित उल्लेख है। अवशोषण जन्तुओं के [[पोषण]] की पाँच अवस्थाओं में से एक हैं। इस प्रक्रिया में पचा हुआ तरल भोजन [[कोशिका]] [[द्रव्य]] या रुधिर आदि में अवशोषित हो जाता है। अमीबा तथा पैरामीशियम आदि में पचा हुआ भोजन खाद्य रिक्तिका की झिल्ली से विसरित होकर कोशिका द्रव्य में आ जाता है। यहाँ पर यह अवशोषित होता है। उच्च कोटि के जीवों की छोटि आँत्र में उपस्थित रसांकुरों के द्वारा पचे हुए भोजन का अवशोषण करके उसे [[रुधिर]] में मिला दिया जाता है। | ||
==भोजन का अवशोषण== | ==भोजन का अवशोषण== | ||
पचे हुए भोज्य [[पदार्थ|पदार्थों]] का अवशोषण [[छोटी आँत]] (शेषान्त्र) में होता है। इसकी आन्तरिक सतह पर अंगुली जैसी संरचाएँ पाई जाती हैं, जिन्हें रसांकुद कहते हैं। इनमें | पचे हुए भोज्य [[पदार्थ|पदार्थों]] का अवशोषण [[छोटी आँत]] (शेषान्त्र) में होता है। इसकी आन्तरिक सतह पर अंगुली जैसी संरचाएँ पाई जाती हैं, जिन्हें रसांकुद कहते हैं। इनमें रुधिर कोशिकाओं तथा लसिका वाहिनियों का जाल होता है। [[कार्बोहाइड्रेट]], [[प्रोटीन]] के पचे हुए अवयव [[ग्लूकोज़]] व अमीनों [[अम्ल]] आदि रुधिर में अवशोषित हो जाते हैं। [[वसा|वसाओं]] के पाचन से प्राप्त ग्लिसरोल एवं वसीय अम्ल प्रमुखतः लसिका वाहिनियों में अवशोषित होकर पुनः रुधिर में मिल जाते हैं। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
Line 18: | Line 17: | ||
[[Category:विज्ञान कोश]] | [[Category:विज्ञान कोश]] | ||
[[Category:मानव शरीर]] | [[Category:मानव शरीर]] | ||
[[Category:पोषण]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 10:11, 13 February 2015
(अंग्रेज़ी:Absorption) इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। अवशोषण जन्तुओं के पोषण की पाँच अवस्थाओं में से एक हैं। इस प्रक्रिया में पचा हुआ तरल भोजन कोशिका द्रव्य या रुधिर आदि में अवशोषित हो जाता है। अमीबा तथा पैरामीशियम आदि में पचा हुआ भोजन खाद्य रिक्तिका की झिल्ली से विसरित होकर कोशिका द्रव्य में आ जाता है। यहाँ पर यह अवशोषित होता है। उच्च कोटि के जीवों की छोटि आँत्र में उपस्थित रसांकुरों के द्वारा पचे हुए भोजन का अवशोषण करके उसे रुधिर में मिला दिया जाता है।
भोजन का अवशोषण
पचे हुए भोज्य पदार्थों का अवशोषण छोटी आँत (शेषान्त्र) में होता है। इसकी आन्तरिक सतह पर अंगुली जैसी संरचाएँ पाई जाती हैं, जिन्हें रसांकुद कहते हैं। इनमें रुधिर कोशिकाओं तथा लसिका वाहिनियों का जाल होता है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के पचे हुए अवयव ग्लूकोज़ व अमीनों अम्ल आदि रुधिर में अवशोषित हो जाते हैं। वसाओं के पाचन से प्राप्त ग्लिसरोल एवं वसीय अम्ल प्रमुखतः लसिका वाहिनियों में अवशोषित होकर पुनः रुधिर में मिल जाते हैं।
|
|
|
|
|