अपना घर समझना: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 12:10, 20 April 2018
अपना घर समझना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है ।
अर्थ -अपने घर की तरह दुसरे के घर में रहना अर्थात् दूसरे के घर में किसी प्रकार की औपचारिकता न बरतना।
प्रयोग -मैंने तो सदा इस घर को अपना ही घर समझा है। भले ही आपने मुझे अपना समझा हो या न। (किरणबाला)