माथे पर बल पड़ना: Difference between revisions

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'''अर्थ'''- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।
'''अर्थ'''- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।


'''प्रयोग'''- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।
'''प्रयोग'''- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफ़ी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
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Latest revision as of 07:31, 25 April 2018

माथे पर बल पड़ना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- आकृति से अप्रसन्नता, रोष आदि प्रकट होना।

प्रयोग- गौरव अपने शरीर से बहुत ज्यादा अप्रसन्न था, क्योंकि उसकी शादी में काफ़ी परेशानीयाँ आने लगी। इससे उसके माथे पर बल पड़ने लग गया।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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