मिथिला शक्तिपीठ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 1: Line 1:
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अम्बाजी |लेख का नाम=अम्बाजी (बहुविकल्पी)}}
{{सूचना बक्सा मन्दिर
{{सूचना बक्सा मन्दिर
|चित्र=Mithila-Shakti-Peeth.jpg
|चित्र=Mithila-Shakti-Peeth.jpg
Line 34: Line 33:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.charanamrit.info/Shakti.aspx?ID=33&CatID=12&Name=Shakti%20peeth Shaktipeeth]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{शक्तिपीठ}}
{{शक्तिपीठ}}

Latest revision as of 08:24, 26 September 2014

मिथिला शक्तिपीठ
वर्णन 'मिथिला शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान मिथिला शक्तिपीठ तीन स्थानों पर माना जाता है- 'उग्रतारा मंदिर' (सहरसा, बिहार), 'जयमंगला देवी मंदिर' (समस्तीपुर, बिहार), वनदुर्गा मंदिर' (जनकपुर, नेपाल)
देवी-देवता देवी 'उमा' या 'महादेवी' तथा भैरव 'महोदर'।
संबंधित लेख शक्तिपीठ, सती
पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती के वाम स्कंध का निपात हुआ था।

मिथिला शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाया। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • मिथिला शक्तिपीठ के निश्चित स्थान को लेकर अनेक मत-मतान्तर हैं।
  • बिहार के मिथिला में अनेक देवी मंदिरों को शक्तिपीठ माना जाता है। यहाँ सती के वाम स्कंध का निपात हुआ था।
  • मतांतर से तीन विभिन्न स्थानों को शक्तिपीठ माना जाता है, जहाँ वाम स्कंध निपात की मान्यता है-
  1. एक है जनकपुर (नेपाल) से 15 किलोमीटर पूर्व की ओर मधुबनी के उत्तर पश्चिम में 'उच्चैठ' नामक स्थान का 'वनदुर्गा मंदिर'।
  2. दूसरा सहरसा स्टेशन के पास स्थित 'उग्रतारा मंदिर'।
  3. तीसरा समस्तीपुर से पूर्व (61 किलोमीटर दूर) सलौना रेलवे स्टेशन से नौ किलोमीटर आगे 'जयमंगला देवी मंदिर'।
  • इस शक्तिपीठ की शक्ति 'उमा' या 'महादेवी' तथा 'भैरव 'महोदर' हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख