ज़बानी जमा-खर्च करना: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''ज़बानी जमा-खर्च करना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लो�)
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 3: Line 3:
'''अर्थ'''- कोई बात कहने भर तक सीमित रहना, पर करना-धरना कुछ नहीं।
'''अर्थ'''- कोई बात कहने भर तक सीमित रहना, पर करना-धरना कुछ नहीं।


'''प्रयोग'''- मनोज अपने दोस्तों के सामने बड़ी-बड़ी बातें तो करता मगर करता-धरता कुछ नहीं।
 


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:44, 21 April 2018

ज़बानी जमा-खर्च करना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- कोई बात कहने भर तक सीमित रहना, पर करना-धरना कुछ नहीं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र