गलता मन्दिर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*ऋषि गालव की पवित्र तपोभूमि गलता एक प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। | *ऋषि गालव की पवित्र तपोभूमि गलता एक प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। | ||
*शहर की पूर्वी पहाडियों पर अवस्थित गलता के कुण्ड में गोमुख से निरन्तर पानी बहता रहता है। | *शहर की पूर्वी पहाडियों पर अवस्थित गलता के कुण्ड में गोमुख से निरन्तर पानी बहता रहता है। | ||
*[[पर्वत]] की सर्वोच्च ऊँचाई पर | *[[पर्वत]] की सर्वोच्च ऊँचाई पर सूर्य मंदिर है। | ||
*गलता के रास्ते में पर्वत श्रृंखलाओं के बीच [[घाट की गूणी]] और आमागढ स्थित है। | *गलता के रास्ते में पर्वत श्रृंखलाओं के बीच [[घाट की गूणी]] और आमागढ स्थित है। | ||
*घाट की गूणी क्षेत्रों में ही [[सवाई जयसिंह]] तृतीय की [[महारानी सिसोदिया]] द्वारा सऩ 1779 में निर्मित सिसोदिया रानी का महल एवं बाग़ है। | *घाट की गूणी क्षेत्रों में ही [[सवाई जयसिंह]] तृतीय की [[महारानी सिसोदिया]] द्वारा सऩ 1779 में निर्मित सिसोदिया रानी का महल एवं बाग़ है। |
Revision as of 08:24, 21 July 2011
[[चित्र:Galta-Temple-Jaipur.jpg|thumb|250px|गलता मंदिर, जयपुर
Galta Temple, Jaipur]]
- ऋषि गालव की पवित्र तपोभूमि गलता एक प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है।
- शहर की पूर्वी पहाडियों पर अवस्थित गलता के कुण्ड में गोमुख से निरन्तर पानी बहता रहता है।
- पर्वत की सर्वोच्च ऊँचाई पर सूर्य मंदिर है।
- गलता के रास्ते में पर्वत श्रृंखलाओं के बीच घाट की गूणी और आमागढ स्थित है।
- घाट की गूणी क्षेत्रों में ही सवाई जयसिंह तृतीय की महारानी सिसोदिया द्वारा सऩ 1779 में निर्मित सिसोदिया रानी का महल एवं बाग़ है।
- इस बाग़ में आकर्षक फव्वारे एवं भव्य महल बना हुआ है।
- इसके समीप ही जयपुर के मुख्य वास्तुविद एवं नगर नियोजक विद्याधर के नाम से अनेक फव्वारों एवं कुण्डों से आच्छादित विद्याधर का बाग़ भी पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र है।
- गलता कुण्ड में निरंतर गौमुख से पानी बहता रहता है।
- इस धार्मिक स्थल में अनेक स्नानागार हैं।
|
|
|
|
|