जैसलमेर की भाषा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "फौज" to "फ़ौज")
m (Text replace - "|language=हिन्दी" to "|language=हिन्दी")
Line 1: Line 1:
*जैसलमेर में बोली मुख्यतः राजस्थान के मारवा क्षेत्र में बोली जाने वाली मारवाडी भाषा का ही एक भाग है। परन्तु जैसलमेर क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा थली या थार के रेगिस्तान की भाषा है।  
*जैसलमेर में बोली मुख्यतः राजस्थान के मारवा क्षेत्र में बोली जाने वाली मारवाडी भाषा का ही एक भाग है। परन्तु जैसलमेर क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा थली या थार के रेगिस्तान की भाषा है।  
*राजस्थान राजधानी में बोली जोन वाली इन सभी बोलियों का मिश्रण है, जो घाट, माङ्, [[सिंधी भाषा|सिंधी]], मालाणी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती भाषा]] का सुंदर मिश्रण है।<ref>{{cite web |url=http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rj108.htm |title=जैसलमेर में भाषा |accessmonthday=[[2  नवंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एचटीएम |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
*राजस्थान राजधानी में बोली जोन वाली इन सभी बोलियों का मिश्रण है, जो घाट, माङ्, [[सिंधी भाषा|सिंधी]], मालाणी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती भाषा]] का सुंदर मिश्रण है।<ref>{{cite web |url=http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rj108.htm |title=जैसलमेर में भाषा |accessmonthday=[[2  नवंबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एचटीएम |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>


जैसलमेर में बोली जाने वाली भाषा को हम तीन प्रमुख भाषाओं में विभाजित कर सकते हैं-
जैसलमेर में बोली जाने वाली भाषा को हम तीन प्रमुख भाषाओं में विभाजित कर सकते हैं-

Revision as of 11:36, 8 March 2011

  • जैसलमेर में बोली मुख्यतः राजस्थान के मारवा क्षेत्र में बोली जाने वाली मारवाडी भाषा का ही एक भाग है। परन्तु जैसलमेर क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा थली या थार के रेगिस्तान की भाषा है।
  • राजस्थान राजधानी में बोली जोन वाली इन सभी बोलियों का मिश्रण है, जो घाट, माङ्, सिंधी, मालाणी, पंजाबी, गुजराती भाषा का सुंदर मिश्रण है।[1]

जैसलमेर में बोली जाने वाली भाषा को हम तीन प्रमुख भाषाओं में विभाजित कर सकते हैं-

1- जन-साधारण की भाषा

इसका स्वरूप राज्य के विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। उदाहरण स्वरूप लखा, महाजलार के इलाके में मालानी घाट व माङ् भाषाओं का मिश्रण बोला जाता है। परगना सम, सहागढ़ व घोटाडू की भाषा में थाट, माङ् व सिंधी भाषा का मिश्रण बोल-चाल की भाषा है। विसनगढ़, खूडी, नाचणा आदि परगनों में जो बहावलपुर, सिंध से संलग्न है, माङ्, बीकानेरी व सिंधी भाषा का मिश्रण है। इसी प्रकार लाठी, पोकरण, फलौदी के क्षेत्र में घाट व माङ् भाषा का मिश्रण है।

2- साहित्यिक भाषा

जैसलमेर में रचे गए साहित्य में प्राकृत, अपभ्रंश, संस्कृत तथा ब्रजभाषा का प्रयोग किया गया है।

3- राजकार्य की भाषा

राजकार्य में प्रयुक्त की जाने वाली भाषा में अपभ्रंश, खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है, जो ताम्र पत्रों, शिलालेखों, आदेशों पट्टे परवाने, पत्रों में प्रयुक्त की जाती रही है। 1880 ई. के उपरांत यहाँ पर भारतीय दंड संहिता, दीवानी, फ़ौजदारी आदि अंग्रेज़ी अधिनियम लागू होने पर उनके उर्दू में किए गए भाषातरों का प्रयोग किए जाने से राजकीय कार्यों में उर्दू भाषा के शब्दों का प्रयोग अधिक होने लगा था, जो न्याय की भाषा के रूप में भारत में राज्य के विलीनीकरण तक होता रहा।

विशेषताएँ

यहाँ बोली जाने वाली भाषा की अन्य दो विशेषताएँ हैं।

  • प्रथम- यहाँ के लोग बहुत जोर (ऊँची ध्वनी) से बात करते हैं, जो सिंधी भाषा का स्पष्ट प्रभाव है।
  • द्वितीय- भाषा को बोलने में लय का प्रयोग करते हैं तथा हाथ तथा चेहरे से भी भाव व्यक्त करते हुए वार्तालाप करते हैं, जो घाट एवं मा भाषा का प्रभाव है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जैसलमेर में भाषा (हिन्दी) (एचटीएम)। । अभिगमन तिथि: 2 नवंबर, 2010

संबंधित लेख