भांडेर का पठार: Difference between revisions
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भांडेर का पठार मध्य प्रदेश राज्य, उत्तर-मध्य भारत का दक्षिण-मध्य ऊपरी क्षेत्र है। लगभग 10,000 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल वाला यह पठार दक्षिण में उत्तरी दक्कन पठार, पूर्व में पूर्वी पठार और उत्तर में गंगा नदी के मैदानी जलोढ़ भूभाग के मध्य एक अंतर्वर्ती क्षेत्र का निर्माण करता है।[1]
भौगोलिक तथ्य
यह पठार विंध्य पर्वत श्रेणी का एक हिस्सा है और यह कैंब्रियन युग में समुद्री निक्षेपों से निर्मित अवसादी परत है, जो अनेक बार ऊपर उठी और स्थलीप्राय होती रही है और इसकी ऊपरी परत विभिन्न बलुआ पत्थरों से आच्छादित है। इस पठार की औसत ऊंचाई 500 मीटर है और ढलान पश्चिम से पूर्व की ओर है।
नदियाँ
द्रुतगामी टोंस और सोनार नदी के मार्गों पर अनेक झरनों और तीव्र ढालों ने विंध्य के सीधी ढलान वाले भूभाग पर कई गहरे खड्ड बना दिए हैं।
अर्थव्यवस्था
सागौन और कत्थे के जंगल इस पठार की विशेषता हैं। अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है और यहां चावल, गेहूं, ज्वार, सफ़ेद चना, जौ, मक्का, मटर, तिल और सरसों उगाए जाते हैं। हालांकि यह क्षेत्र कोयला, अन्य खनिजों और वन संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन यहां एकमात्र प्रमुख औद्योगिक संयंत्र है- कटनी नगर का 'किमोर', जिसके सीमेण्ट के कारख़ाने में स्थानीय चूना-पत्थर और कोयले का उपयोग किया जाता है। कुटीर उद्योगों में ईंट और टाइल, पत्थर के बर्तन, सीमेण्ट, शीशे और लाख का उत्पादन; आटा, दलहन और तिलहन की मिलें शामिल हैं।
यह पठार कम जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है। यहाँ एकमात्र प्रमुख सड़क कटनी से होकर जाती है जो राष्ट्रीय राजमार्ग है। अन्य प्रमुख नगर 'दमोह', 'मैहर' और 'हटा' हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत ज्ञानकोश, खण्ड-4 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 127 |