मुँह की मक्खियाँ तक न उड़ा सकना: Difference between revisions

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Latest revision as of 07:31, 25 April 2018

मुँह की मक्खियाँ तक न उड़ा सकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- बहुत ही आशक्त या आलसी होना।

प्रयोग- आकाश इतना आलसी है कि वह अपने मुँह की मक्खियाँ तक नहीं उड़ा सकता हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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